हिन्दी साहित्य MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी साहित्य - Download Free PDF

Last updated on Jun 20, 2025

Latest हिन्दी साहित्य MCQ Objective Questions

हिन्दी साहित्य Question 1:

किसी पहले भेजे गये पत्र का उत्तर नहीं आने पर उस विषय में याद दिलाने के लिए लिखा जाने वाला पत्र कहलाता है -

  1. अधिसूचना
  2. पृष्ठांकन
  3. अनुस्मारक
  4. ज्ञापन
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अनुस्मारक

हिन्दी साहित्य Question 1 Detailed Solution

किसी पहले भेजे गये पत्र का उत्तर नहीं आने पर उस विषय में याद दिलाने के लिए लिखा जाने वाला पत्र कहलाता है- 'अनुस्मारक'

Key Points

  1. 'अधिसूचना'- किसी को पद से हटाया जाना, नियमों, आदेशों, स्थानान्तरण, अवकाश, सेवा समाप्ति, निधन आदि की सरकारी की तरफ से सूचना को अधिसूचना कहते हैं। यह राजपत्रों में प्रकाशित होती है।
  2. 'पृष्ठांकन'- किसी को लिखित में कुछ देने पर उसके पीछे हस्ताक्षर या मोहर लगाने की प्रक्रिया पृष्ठांकन कहलाती है जैसे 'किसी को चेक देते समय उस चेक के पीछे हस्ताक्षर करते है'।
  3. 'ज्ञापन'- किसी को कोई बात बताना, या जानकारी देने को ज्ञापन कहते है इसका प्रयोग सरकारी पत्र के तौर पर मंत्रालय के अलग-अलग विभागों में किया जाता है।

Additional Information'अधिसूचना का प्रारूप';-

  1. नियमों, आदेशों, स्थानान्तरण, अवकाश, सेवा समाप्ति, निधन आदि की सरकारी की तरफ से सूचना।
  2. अधिसूचना गजट में प्रकाशित होती है, समाचार पत्र में नहीं।
  3. अधिसूचना को राजपत्र में प्रकाशित किया जाता है।
  4. सरकारी नियमों या अधिनियमों को प्रकाशित करने के लिए अधिसूचना का प्रयोग करते है।
  5. ज्यादातर अधिसूचना राज्यपाल या राष्ट्रपति की तरफ से जारी की गयी मानी जाती है।

 

'पृष्ठांकन का प्रारूप';-

  1. लिखित में कुछ देने पर उसके पीछे हस्ताक्षर या मोहर लगाने की प्रक्रिया।
  2. राज्य सरकार को प्रतियां भेजते समय इसका प्रयोग नहीं करते।
  3. इसमें न तो कोई संबोधन होता है न ही समापन
  4. हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी का नाम तथा पदनाम दाई ओर लिखा जाता।

 

'ज्ञापन का प्रारूप';- 

  1. सबसे पहले फाइल नम्बर, भारत सरकार, मंत्रालय और विभाग का नाम लिखा जायेगा।
  2. जगह का नाम और दिनांक दाई ओर लिखी जाएगी।
  3. इसमें न तो कोई औपचारिकता होती है न ही संबोधन
  4. ज्ञापन की भाषा सरल एवं सहज होती है तथा वाक्य बहुत छोटे होने चाहिए है।
  5. इसका प्रयोग कार्यालय के अलग-अलग विभागों के बीच किया जाता है।
  6. जो जारी करता है उसके हस्ताक्षर तथा, उसका पदनाम लिखा जाता है।

Mistake Points'अधिसूचना'- किसी काम को करने या करवाने के लिए आदेश जैसा भाव होता है तथा ये राजपत्र में प्रकाशित किया जाता है।

'अनुस्मारक'- स्मरण दिलाने के लिए जो पत्र भेजा जाता उसे अनुस्मारक कहते है इसका प्रारूप सरकारी पत्र का ही होता है लेकिन विषय साम्रगी छोटी होती है।

हिन्दी साहित्य Question 2:

इस प्रश्न में दो कथन दिए गए हैं, इन दोनों कथनों का सम्यक् परीक्षण कर सही उत्तर का चयन कीजिए :

कथन (1) भाषा और बोली दोनों एक हैं।

कथन (2) : बोली विकसित होकर भाषा बन जाती है ।

  1. कथन (1) सही, कथन (2) गलत
  2. कथन (1) और कथन (2) दोनों सही
  3. कथन (1) गलत, कथन (2) सही
  4. कथन (1) और कथन (2) दोनों गलत
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कथन (1) गलत, कथन (2) सही

हिन्दी साहित्य Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है - कथन (1) गलत, कथन (2) सही

Key Points

  • भाषा और बोली में अंतर होता है। भाषा व्यापक होती है और उसमें लिखित और औपचारिक नियम होते हैं,
  • जबकि बोली स्थानीय स्तर पर प्रयुक्त होने वाली भाषा का रूप हो सकती है जिसमें औपचारिक नियम नहीं होते हैं।
    • अत: कथन (2) सही है, जबकि कथन (1) सही नहीं है।

Additional Informationभाषा -

  • एक साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों और भावों को दूसरों तक पहुँचाता है और दूसरों के विचारों को समझता है।

बोली -

  • किसी विशेष क्षेत्र या सामाजिक समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा का एक रूप है, जो उस क्षेत्र के लोगों के बीच संचार का माध्यम होती है

हिन्दी साहित्य Question 3:

हिंदी भाषा के उद्भव का सही अनुक्रम क्या है? 

  1. अपभ्रंश, प्राकृत, पालि, हिंदी
  2. हिंदी, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश
  3. पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी
  4. प्राकृत, हिंदी, अपभ्रंश, पालि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी

हिन्दी साहित्य Question 3 Detailed Solution

हिंदी भाषा के उद्भव का सही अनुक्रम है- पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिंदी

Key Points

  • हिंदी भाषा के उद्भव का सही अनुक्रम पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, और फिर हिंदी है।

Important Points

  • हिंदी भाषा का उद्भव संस्कृत से माना जाता है, जो प्राचीन भारतीय भाषा है।
  • प्रारंभिक काल में, हिंदी का विकास प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं के माध्यम से हुआ।
  • 12वीं सदी में हिंदी कविता और साहित्य का प्रारंभ हुआ,
  • जिसमें सूरदास और तुलसीदास जैसे कवियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा।

हिंदी भाषा का विकास:

  • आदिकाल (1000 ई. से 1500 ई.):
    • इस काल में हिंदी के विभिन्न रूप जैसे 'डिंगल', 'पिंगल' हिंदी का विकास हुआ
  • मध्यकाल (1500 ई. से 1800 ई.):
    • इस काल में ब्रज, अवधी और खड़ी बोली जैसे बोलियों का विकास हुआ
  • आधुनिक काल (19वीं सदी से अब तक):
    • इस काल में हिंदी गद्य का विकास हुआ, जिसमें निबंध, कहानी, उपन्यास, आलोचना आदि शामिल हैं

Additional Information पालि:

  • यह बौद्ध धर्म के ग्रंथों की भाषा थी और इसका उपयोग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी तक किया गया था

प्राकृत:

  • यह पालि के बाद आई और इसका उपयोग विभिन्न धार्मिक और साहित्यिक ग्रंथों में किया गया था। यह लगभग 1500 वर्षों तक उपयोग में रही

अपभ्रंश:

  • यह प्राकृत का ही एक बिगड़ा हुआ रूप था और इसका उपयोग 6वीं शताब्दी से 11वीं शताब्दी तक किया गया था।
    • यह हिंदी भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है

हिंदी:

  • यह अपभ्रंश से विकसित हुई और आज भारत की एक प्रमुख भाषा है

हिन्दी साहित्य Question 4:

निम्नलिखित में से माखनलाल चतुर्वेदी की रचना नहीं है:

  1. हिम किरीटनी
  2. साहित्य देवता
  3. हिम तरंगिनी
  4. स्वर्णधूलि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : स्वर्णधूलि

हिन्दी साहित्य Question 4 Detailed Solution

सही  उत्तर  है - स्वर्णधूलि

स्वर्णधूलि (कविता) - सुमित्रानंदन पंत  जी की रचना हैं।  

Key Points

  • स्वर्णधूलि सुमित्रानन्दन पंत का सातवाँ काव्य-संकलन है।
  • इसका प्रकाशन सन् 1947 ई. में हुआ।
  • स्वर्णधूलि में संकलित रचनाओं की संख्या 80 है।

Additional Information

माखनलाल चतुर्वेदी
  • माखनलाल चतुर्वेदी (4 अप्रैल 1889-30 जनवरी 1968) भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे
  •  जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं।
  •  सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे।
  • चतुर्वेदी जी की भी कई रचनाएं ऐसी हैं जहां उन्होंने प्रकृति के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया |
सुमित्रानंदन पंत
  • सुमित्रानंदन पंत की कुछ अन्य काव्य कृतियाँ हैं - ग्रन्थि, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा, सत्यकाम 

Important Points

  • माखनलाल चतुर्वेदी पहले हिंदी लेखक हैं, जिन्होंने 1955 में अपने काव्य "हिम तरंगिनी" (कविता) के लिए यह पुरस्कार जीता था।

हिन्दी साहित्य Question 5:

‘आग और राग’ का कवि किसे कहा जाता है?

  1. माखनलाल चतुर्वेदी 
  2. रामधारी सिंह दिनकर 
  3. नागार्जुन 
  4. निराला 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रामधारी सिंह दिनकर 

हिन्दी साहित्य Question 5 Detailed Solution

‘आग और राग’ का कवि कहा जाता है - 'रामधारी सिंह दिनकर'

  • रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि निबन्धकार थे।
  • वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
  • राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को इनके काव्य की मूल-भूमि मानते हुए इन्हे 'युग-चारण''काल के चारण' की संज्ञा दी गई है।
  • 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये।

Key Pointsदिनकर की काव्य संग्रह:-

  • प्रणभंग (1929)
  • रेणुका (1935)
  • हुंकार (1938)
  • रसवन्ती (1939)
  • द्वंद्वगीत (1940)
  • कुरूक्षेत्र (1946)
  • धूप-छाँह (1947)
  • रश्मिरथी (1952)

Additional Information

माखनलाल चतुर्वेदी

  • माखन लाल चतुर्वेदी सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के अनूठे हिन्दी रचनाकार थे।
  • इन्होंने हिन्दी एवं संस्कृत का अध्ययन किया। ये 'कर्मवीर' राष्ट्रीय दैनिक के संपादक थे।
  • इन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। इनका उपनाम एक भारतीय आत्मा है।
  • राष्ट्रीयता माखन लाल चतुर्वेदी के काव्य का कलेवर है तथा रहस्यात्मक प्रेम उसकी आत्मा है।

काव्य संग्रह:-

  • हिमकिरीटिनी
  • हिम तरंगिणी
  • युग चारण
  • मरण ज्वार
  • वेणु लो गूंजे धरा
  • बीजुरी काजल आँज रही

नागार्जुन:-

  • नागार्जुन प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक और कवि थे।
  • नागार्जुन ने 1945 ई. के आसपास साहित्य सेवा के क्षेत्र में क़दम रखा।
  • शून्यवाद के रूप में नागार्जुन का नाम विशेष उल्लेखनीय है। नागार्जुन का असली नाम 'वैद्यनाथ मिश्र' था।
  • हिन्दी साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा मैथिली में 'यात्री' उपनाम से रचनाओं का सृजन किया।

काव्य संग्रह:-

  • युगधारा (1953)
  • सतरंगे पंखों वाली (1959)
  • प्यासी पथराई आँखें (1962)
  • तालाब की मछलियाँ (1974)
  • तुमने कहा था (1980)
  • खिचड़ी विप्लव देखा हमने (1980)
  • हजार-हजार बाँहों वाली (1981​)

निराला:-

  • सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं।
  • वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं।
  • उन्होंने कई कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है।

काव्य संग्रह:-

  • अनामिका (1923)
  • परिमल (1930)
  • गीतिका (1936)
  • तुलसीदास (1939)
  • कुकुरमुत्ता (1942)
  • अणिमा (1943)
  • बेला (1946)
  • अर्चना (1950)

Top हिन्दी साहित्य MCQ Objective Questions

“जयद्रथ वध” किस लेखक/लेखिका की कृति है?

  1. जयशंकर प्रसाद
  2. सुमित्रानंदन पंत
  3. महादेवी वर्मा
  4. मैथिलीशरण गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मैथिलीशरण गुप्त

हिन्दी साहित्य Question 6 Detailed Solution

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‘मैथलीशरण गुप्त’ यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।

"जयद्रथ वध" महाभारत के एक पात्र पर आधारित एक अद्भुत रचना है, जिसके लेखक विकल्प 4. राष्ट्रीय कवि 'मैथिलीशरण गुप्त' है।

  • यह महाभारत पर आधारित खंडकाव्य है।
  • हरिगीतिका छंद में रचा गया है।
  • मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली के मह्त्वपूर्ण कवियों में से है।

“ब्राम्ही” से किस लिपि की उत्पत्ति हुई है?

  1. देवनागरी
  2. खरोष्ठी
  3. कैथी
  4. उपरोक्त सभी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : देवनागरी

हिन्दी साहित्य Question 7 Detailed Solution

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देवनागरी, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • देवनागरी  भारत, नेपाल, तिब्बत और दक्षिण पूर्व एशिया की लिपियों के ब्राह्मी लिपि परिवार का हिस्सा है।
  • अत: सही विकल्प 1 'देवनागरी' है।

Additional Information

अन्य विशेष

लिपि

उत्पत्ति

खरोष्ठी

इसे विदेशी उद्गम लिपि यानी अरामाइक और सीरियाई लिपि से विकसित माना जाता है।

गुरमुखी

इसमें पंजाबी भाषा लिखी जाती है। इसकी उत्पत्ति सारदा लिपि अथवा देवनागरी दोनों से मानी जाती है।

कैथी

कैथी लिपि का उपयोग मद्यकालीन भारत में उत्तर भारत क्षेत्र में किया जाता था।

“लज्जा” किस लेखक/लेखिका की कृति है?

  1. तस्लीमा नसरीन
  2. यशपाल
  3. कन्हैया लाल
  4. जैनेन्द्र कुमार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : तस्लीमा नसरीन

हिन्दी साहित्य Question 8 Detailed Solution

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तस्लीमा नसरीन, यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है। 

  • लज्जा 1993 में प्रकाशित एक बांग्ला उपन्यास है। अत: सही विकल्प तस्लीमा नसरीन है।

Additional Information

अन्य रचनकारों की प्रमुख रचनाएँ-

यशपाल

झूठा सच, मेरी तेरी उसकी बात, दादा कॉमरेड, फूलो का कुर्ता आदि|

तस्लीमा नसरीन

लज्जा, अमार मेयबाला आदि|

कन्हैया लाल

लोपामुद्रा, लोह मर्शिनी

जैनेन्द्र कुमार

परख, सुनीता, त्यागपत्र, कल्याणी आदि।

इनमें से कौन-सी कृति अज्ञेय की है?

  1. संसद से सड़क तक
  2. मछली घर
  3. हरी घास पर क्षण भर
  4. साये में धूप

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हरी घास पर क्षण भर

हिन्दी साहित्य Question 9 Detailed Solution

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हरी घास पर क्षण भर कृति अज्ञेय की है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 3 हरी घास पर क्षण भर होगा ।

Key Points

रचना

रचनाकार

संसद से सड़क तक

धूमिल

मछली घर

सुशील कुमार

हरी घास पर क्षण भर

अज्ञेय

साये में धूप

दुष्यंत कुमार

कुण्डलिया छंद किन दो छंदों के योग से बनता है?

  1. दोहा-रोला 
  2. दोहा-उल्लाला
  3. दोहा-सोरठा
  4. रोला-उल्लाला

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दोहा-रोला 

हिन्दी साहित्य Question 10 Detailed Solution

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कुण्डलिया छंद दोहा-रोला छंदों के योग से बनता है।  

  • कुंडलियाँ एक विषम मात्रिक छंद होता है।
  • यह दोहा-रोला छंदों के योग से बनता है। 
  • पहले एक दोहा और बाद में दोहा के चौथे चरण से यदि एक रोला रख दिया जाए तो वह कुंडलिया छंद बन जाता है। 

उदाहरण

  • रत्नाकर सबके लिए, होता एक समान।
  • बुद्धिमान मोती चुने, सीप चुने नादान॥
  • सीप चुने नादान,अज्ञ मूंगे पर मरता।
  • जिसकी जैसी चाह,इकट्ठा वैसा करता।
  • ‘ठकुरेला’ कविराय, सभी खुश इच्छित पाकर।
  • हैं मनुष्य के भेद, एक सा है रत्नाकर॥

Additional Information  मात्रिक छन्द - 

चौपाई
  • प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ 
  • चरण के अन्त में दो गुरु 
रोला 
  • प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ 
  • 13 मात्राओं पर ‘यति’
हरिगीतिका
  • प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ
  • अन्त में लघु और गुरु 
  • 16 व 12 मात्राओं पर यति 
दोहा
  • 24 मात्राएँ 
  • विषम चरण में 13-13 मात्राएँ  
  • सम चरण में 11-11 मात्राएँ
सोरठा
  • विषम चरण में 11-11 मात्राएँ
  • सम चरण में 13-13 मात्राएँ
उल्लाला
  • विषम चरण में 15-15 मात्राएँ
  • सम चरण में 13-13 मात्राएँ
छप्पय
  • प्रथम चार चरण रोला
  • अन्तिम दो चरण उल्लाला
बरवै
  • विषम चरण में 12-12 मात्राएँ 
  • सम चरण में 7-7 मात्राएँ 

गीतिका

  • कुल 26 मात्राएँ 
  • 14-12 पर यति
  • चरण के अन्त में लघु-गुरु आवश्यक 

वीर 

  • कुल 31 मात्राएँ 
  • प्रत्येक चरण में 16, 15 पर यति
  • गुरु-लघु होना आवश्यक
कुण्डलिया
  • प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ
  • प्रथम दो चरण दोहा
  • बाद के चार चरण रोला 

जब कोई सरकारी पत्र ज्ञापन या कार्यालय ज्ञापन एक साथ अनेक प्रेषितयों को भेजा जाए उसे क्या कहते है?

  1. आदेश
  2. अनुस्मारक पत्र
  3. अधिसूचना
  4. परिपत्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : परिपत्र

हिन्दी साहित्य Question 11 Detailed Solution

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जब कोई सरकारी पत्र ज्ञापन या कार्यालय ज्ञापन एक साथ अनेक प्रेषितयों को भेजा जाए उसे 'परिपत्र' कहते हैं।

शेष विकल्प असंगत हैं।

अतः सही विकल्प 'परिपत्र' है।

अन्य विकल्प

 

परिपत्र या सर्कुलर       

जब कोई सरकारी पत्र या ज्ञापन एक साथ अनेक विभागों, अधिकारियों या कर्मचारियों को भेजा जाता है, तो उसे परिपत्र या गश्तीपत्र भी कहते हैं। इसमें प्रेषक एक ही अधिकारी होता है तथा पाने वाले अनेक होते हैं।

अधिसूचना (नोटिफिकेशन)

 

राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण और उनके अवकाश स्वीकृति की सूचनाओं को राजपत्र में प्रकाशित करने के लिए अधिसूचना का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा सरकारी अधिकारियों को अधिकार सौंपने, वापस लेने के लिए नए नियम, उपनियमों व आदेशों को लागू करने के लिए अधिसूचना का प्रयोग किया जाता है। इसमें अन्य आलेख की भाँति संख्या, दिनांक तथा विभागीय अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं।

आदेश पत्र

सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों से संबंधित नियम अथवा सूचना के लिए जो पत्रलिखे जाते हैं कार्यालय आदेश कहलाते हैं। सामान्यतः कार्यालय आदेश का प्रयोग नियुक्ति, पदोन्नति, अवकाश स्वीकृति, स्थानांतरण एवं कार्य संपादन संबंधी नियम आदि के प्रयोग के लिए किया जाता है। इसमें संबोधन और स्वनिर्देश नहीं होता है।

 

अनुस्मारक या स्मरण पत्र

जो पत्र स्मरण दिलाये उसे अनुस्मारक पत्र कहते हैं। जब भेजे हुए पत्र का कई दिनों तक उत्तर नहीं आता है तब जो पत्र याद दिलाने के लिए भेजा जाता है उसे अनुस्मारक पत्र कहते हैं।

 

हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ? 

  1. चार
  2. दस
  3. आठ
  4. पाँच

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : पाँच

हिन्दी साहित्य Question 12 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं। 

Key Points

  • हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
  • पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
  • इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।

Important Pointsबोली -  

  • एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।

उपभाषा - 

  • अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
  • तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।

भाषा-

  • साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
  • तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।

Additional Information

उपभाषा बोलियाँ मुख्य क्षेत्र
राजस्थानी मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),

जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी),

राजस्थान
पश्चिमी हिन्दी (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी

(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली

हरियाणा, उत्तर प्रदेश
पूर्वी हिन्दी अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश
बिहारी भोजपुरी, मगही बिहार, उत्तर प्रदेश
पहाड़ी पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश

'भाषा संवर्धिनी सभा' कहाँ स्थापित की गई थी? 

  1. देवरिया
  2. प्रयाग
  3. अलीगढ़ 
  4. वाराणसी 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अलीगढ़ 

हिन्दी साहित्य Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर अलीगढ़ है।  

  • अलीगढ़ में 1877 में भाषा संवर्धिनी सभा बनी। 
  • 'भाषा संवर्धिनी सभा' के संस्थापक बाबू तोताराम थे। 

Key Points

बाबू तोताराम

  • इनका जन्म अलीगढ़ के नगला सिंह में 1847 में हुआ।
  • हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 'भारत-बंधु' पत्र निकाला।
  • भारतवर्षीय नेशनल एसोसिएशन का गठन किया।
  • 1894 में सार्वजनिक पुस्तकालय की नींव डाली जिसका नाम लायल लाइब्रेरी रखा गया। 
  • इन्होंने 11 ग्रंथों की रचना की। 
  • 7 दिसंबर 1902 में तोताराम का निधन हो गया।

इनमें से कौन सी गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना नहीं है?

  1. अँधा युग
  2. चाँद का मुँह टेढा
  3. भूरी-भूरी खाक धूल
  4. नए साहित्यकार का सौंदर्य शास्त्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अँधा युग

हिन्दी साहित्य Question 14 Detailed Solution

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अँधा युग गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना नहीं है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1  " अँधा युग" होगा ।

Key Points

गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना:

कविता संग्रह

चाँद का मुँह टेढ़ा हैभूरी भूरी खाक धूल

कहानी संग्रह

काठ का सपनाविपात्रसतह से उठता आदमी

आलोचना

कामायनी : एक पुनर्विचार, नई कविता का आत्मसंघर्ष, नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र

अन्य विकल्प :

रचना:

रचनाकार

अँधा युग

धर्मवीर भारती

Additional Information

धर्मवीर भारती द्वारा रचित रचना

कहानी संग्रह

मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान,

काव्य रचनाएं

ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया, सपना अभी भी

उपन्यास

गुनाहों का देवतासूरज का सातवां घोड़ा, ग्यारह सपनों का देश, प्रारंभ व समापन

निम्नलिखित में से कौन सी भाषा पश्चिमी हिंदी से संबंध रखती है ?

  1. बाँगरू
  2. राजस्थानी
  3. अवधी
  4. भोजपुरी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बाँगरू

हिन्दी साहित्य Question 15 Detailed Solution

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निम्नलिखित में से बाँगरू पश्चिमी हिंदी से संबंधित है।

Key Points

  • पश्चिमी हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
  • पश्चिमी हिंदी की बोलियां-ब्रजभाषा,कन्नौजी,बुंदेली,कौरवी/खड़ी बोली,हरियाणवी(जाटू, बाँगरू),दक्खिनी।
  • पूर्वी हिंदी का विकास अर्धमागधी से हुआ है।
  • पूर्वी हिंदी की बोलियां-अवधि,बघेली,छत्तीसगढ़ी।

Additional Information 

  • शौरसेनी अपभ्रंश के अंतर्गत राजस्थानी हिंदी,पहाड़ी हिंदी,पश्चिमी हिंदी आती है।
  • राजस्थानी हिंदी की बोलियां-मारवाड़ी,मालवी,मेवाती,जयपुरी।
  • पहाड़ी हिंदी की बोलियां-कुमाउँनी,गढ़वाली।
  • बिहारी हिंदी की बोलियां-भोजपुरी,मगही,मैथिली।
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