छायावादी युग MCQ Quiz - Objective Question with Answer for छायावादी युग - Download Free PDF
Last updated on Jun 27, 2025
Latest छायावादी युग MCQ Objective Questions
छायावादी युग Question 1:
'छायावाद' शब्द का प्रथम प्रयोक्ता किसे माना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 1 Detailed Solution
'छायावाद' शब्द का प्रथम प्रयोक्ता मुकुटधर पाण्डेय को माना जाता है।
Key Pointsमुकुटधर पाण्डेय-
- जन्म-1895-1989ई.
- हिन्दी प्रसिद्ध कवि थे एवं छायावाद के जनक माने जाते हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- पूजाफूल (1916ई.)
- शैलबाला (1916ई.)
- स्मृतिपुंज (1943ई.)
- विश्वबोध (1948ई.) आदि।
Important Points'छायावाद'-
- छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की वह काव्य-धारा है जो लगभग ई.स. 1918 से 1936 तक की प्रमुख युगवाणी रही।
- इस काव्य धारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं-
- जयशंकर प्रसाद
- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
- सुमित्रानंदन पंत
- महादेवी वर्मा आदि।
- छायावाद नामकरण का श्रेय मुकुटधर पाण्डेय को जाता है।
Additional Informationराधाकृष्ण गोस्वामी-
- जन्म-1859-1925ई.
- राधाकृष्ण गोस्वामी हिन्दी के भारतेन्दु मण्डल के साहित्यकार थे।
- ये कवि, निबन्धकार, नाटकरकार, पत्रकार, समाजसुधारक, देशप्रेमी आदि भूमिकाओं में भाषा, समाज और देश को अपना महत्वपूर्ण अवदान दिया।
- इन्होने अच्छे प्रहसन लिखे हैं।
रामचंद्र शुक्ल-
- जन्म-1884-1941ई.
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी आलोचक,कहानीकार,निबन्धकार,कोशकार,अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- इनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है- हिन्दी साहित्य का इतिहास
- प्रमुख रचनाएँ-
- चिंतामणि
- रसमीमांसा आदि।
जयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937ई.
- हिन्दी के कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- प्रेमपथिक (1909ई.)
- झरना (1918ई.)
- आँसूं (1924ई.)
- करुणालय (1913ई.)
- चित्राधार (1918ई.)
- महाराणा का महत्त्व (1914ई.) आदि।
छायावादी युग Question 2:
'बंदरबाँट' के रचयिता हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 2 Detailed Solution
'बंदरबाँट' के रचयिता हैं: हरिवंशराय बच्चन
Key Pointsबंदर-बाँट -
- 'बंदर-बाँट', कक्षा - 3, NCERT एवं CBSE द्वारा अनुमोदित पाठ्य पुस्तक में रिमझिम का अष्टम् पाठ है।
- इस कहानी के लेखक हरिवंश राय बच्चन है।
- प्रस्तुत कहानी दो बिल्लियों और एक बंदर की है।
- इस कहानी में दो बिल्लियों की आपस में होने वाली लडाई और बंदर की रोटी खा जाने का वर्णन किया गया है l
Additional Informationकक्कू-
- 'कक्कू', कक्षा - 3, NCERT एवं CBSE द्वारा अनुमोदित पाठ्य पुस्तक में रिमझिम का प्रथम पाठ है।
- प्रस्तुत कविता के कवि रमेशचंद्र शाह है।
- प्रस्तुत कविता में कक्कू (कोयल) नामक एक बालक का वर्णन किया गया है l
टिपटिपवा-
- 'टिपटिपवा', कक्षा - 3, NCERT एवं CBSE द्वारा अनुमोदित पाठ्य पुस्तक में रिमझिम का सप्तम पाठ है।
- इस कहानी की लेखिका गिरिजा रानी अस्थाना है।
- प्रस्तुत कहानी उत्तर प्रदेश की एक लोक कथा पर आधारित है।
- इस कहानी में एक बुढ़िया का वर्णन किया गया है जो अपने पोते को सोते समय रोज रात को कहानी सुनाती है l
पथिक -
- प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 में संकलित कविता 'पथिक' से उद्धृत है।
- इसके रचयिता रामनरेश त्रिपाठी हैं।
- इस कविता में पथिक दुनिया के दुखों से विरक्त होकर प्रकृति के सौंदर्य पर मुग्ध होकर वहीं बसना चाहता है।
- कवि पथिक के प्रकृति-प्रेम के बारे में बताता है।
छायावादी युग Question 3:
'कामायनी' के रचनाकार कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 3 Detailed Solution
कामायनी’ के रचनाकार ‘जयशंकर प्रसाद’ हैं। अत: इसका सही उत्तर ‘जयशंकर प्रसाद’ हैं। अन्य विकल्प अनुचित हैं।
Key Points
- प्रसिद्ध कृति ‘कामायनी’ के रचनाकार ‘जयशंकर प्रसाद’ है। इस महाकाव्य में 15 सर्ग हैं।
- इनकी अन्य रचनाएँ हैं- झरना, आँसू, वन-मिलन, चित्रधारा आदि।
अन्य विकल्प:
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' |
परिमल, गीतिका, अनामिका, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, अणिमा, |
सुमित्रानंदन पंत |
चितम्बरा, वीणा, ग्राम्या |
महादेवी वर्मा | नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत |
छायावादी युग Question 4:
'अतीत के चलचित्र' के रचनाकार का नाम है -
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर 'महादेवी वर्मा' हैं।
- 'अतीत के चलचित्र' के रचनाकार का नाम 'महादेवी वर्मा हैं।
- महादेवी वर्मा एक भारतीय लेखिका हैं,वह हिंदी साहित्य में छायावाद आंदोलन की प्रमुख कवयित्री थीं।
- महादेवी वर्मा की कविता में निहार (1930), रश्मि (1932), नीरजा (1934) और संध्या गीत (1936) शामिल हैं, ये सभी यम (1940) में एकत्र किए गए हैं।
Key Points अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
- धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
- कृतियां: मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, साँस की कलम से।
- मन्नू भंडारी हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार थीं।
- कृतियां: एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर यही सच है, त्रिशंकु आंखों देखा झूठ।
- उपेन्द्र नाथ अश्क उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे।
- कृतियां: गिरती दीवारें, शहर में घूमता आईना, गर्म राख, सितारों के खेल, सत्तर श्रेष्ठ कहानियां, जुदाई की शाम के गीत, काले साहब।
छायावादी युग Question 5:
जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम क्या था ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 5 Detailed Solution
जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम कलाधर था।
- जयशंकर प्रसाद 'कलाधर' उपनाम से ब्रजभाषा में कविताएँ लिखते थे।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- बाल्य नाम-झारखंडी
- छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- उर्वशी(1909 ई.)
- वन मिलन(1909 ई.)
- कानन कुसुम(1913 ई.)
- प्रेमपथिक(1913 ई.)
- चित्राधार(1918 ई.)
- झरना(1918 ई.)
- आँसू(1925 ई.) आदि।
Important Pointsमधुप-
- यह उपनाम मैथिलीशरण गुप्त का है।
- इन्होंने मधुप उपनाम से बांग्ला रचनाओं का अनुवाद किया।
रसिक-
- यह उपनाम सन्तकुमार टंडन 'रसिक' का है।
Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-
- जन्म-1886-1964 ई.
- द्विवेदी युगीन मुख्य रचनाकार है।
- रचनाएँ-
- रंग में भंग(1909 ई.)
- पंचवटी(1925 ई.)
- साकेत(1931 ई.)
- यशोधरा(1932 ई.)
- द्वापर(1936 ई.)
- जयभारत(1952 ई.) आदि।
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निम्नलिखित में से कौन सी 'सुमित्रानंदन पंत' की कृति नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF"कुरुक्षेत्र" सुमित्रानंदन पंत की कृति नहीं है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- कुरुक्षेत्र रामधारी सिंह दिनकर काव्य रचना है।
- कुरुक्षेत्र प्रकाशन वर्ष- 1946
रचनाकार | रचनाऍं |
रामधारी सिंंह दिनकर | बारदोली-विजय संदेश (1928), प्रणभंग (1929), रेणुका (1935), हुंकार (1938), रसवन्ती (1939), धूप-छाँह (1947), रश्मिरथी (1952) आदि। |
Important Points
- वीणा, पल्लव और स्वर्णधूलि आदि सभी रचनाऍं 'सुमित्रानंदन पंत' की हैं।
- 'सुमित्रानंदन पंत' की अन्य रचनाऍं- गुंजन, युगान्त, युगवाणी, उत्तरा, लोकायतन आदि।
कौन सी काव्य रचना महादेवी वर्मा की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- बेला (1946 ई.) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की रचना है ।
- निराला को छायावाद का 'शलाका पुरुष' भी कहा जाता है ।
Key Points
- महादेवी वर्मा ने अधिकतर भावप्रधान गीत लिखें हैं ।
- महादेवी का अज्ञात प्रिय के प्रति दुःख प्रणय दुःखप्रधान है ।
- छायावाद कवियों में सर्वाधिक रहस्यभावना महादेवी वर्मा में पाई जाती है ।
- महादेवी वर्मा की रचना 'यामा' में 'निहार' , 'रश्मि' , 'नीरजा' तथा 'सांध्यगीत' के महत्वपूर्ण गीतों का संकलन किया गया ।
- नीहार - 1930 ई.
- सांध्यगीत - 1936 ई.
- नीरजा - 1935 ई.
'अनामिका' काव्य किनके द्वारा रचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFअनामिका महाप्राण निराला की प्रसिद्ध रचना है, अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।
अत: यहाँ सही विकल्प 2) निराला ही होगा।
Key Points
- अनामिका - यह एक काव्य संग्रह है।
- 8 कविताएँ इसमें संकलित है।
Additional Information
निराला की अन्य श्रेष्ठ रचनाएँ-
- राम की शक्ति पूजा
- सरोज स्मृति
- परिमल
- तुलसीदास आदि
'चिदम्बरा' पर ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे प्राप्त हुआ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'चिदम्बरा' पर ज्ञानपीठ पुरस्कार-2) सुमित्रानंदन पंत को प्राप्त हुआ।
Key Points
- यह पुरस्कार 1968 में मिला।
- 1960 में 'कला और बूढ़ा चाँद' काव्य संग्रह के लिए 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' प्राप्त हुआ।
- 1961 में 'पद्मभूषण' की उपाधि से विभूषित हुये।
- 1964 में विशाल महाकाव्य 'लोकायतन' का प्रकाशन हुआ।
Important Points
- पन्त जी की साहित्यिक यात्रा के तीन प्रमुख पडाव हैं- छायावादी,प्रगतिवादी तथा तीसरे में अरविन्द दर्शन से प्रभावित अध्यात्मवादी।
- इनकी अन्य रचनायें-वाणी,उच्छास(1922),पल्लव(1926),ग्रंथि,गुंजन,युगांत,स्वर्णकिरण,स्वर्णधूलि,लोकायतन आदि हैं।
- 1953 ई. में मैथिलीशरण गुप्त को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
- उनकी कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी।
- महात्मा गाँधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी।
Additional Information
- हिंदी खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य प्रिय-प्रवास(1914) है,जिसके लिए अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध को मंगलाप्रसाद पुरस्कार मिला।
- इनकी अन्य रचनायें-वैदेही वनवास(1940),पारिजात(1937),रस-कलश(1940),ठेठ हिंदी का ठाठ,अधखिला फूल आदि हैं।
- रामधारी सिंह दिनकर को संस्कृति के चार अध्याय(1956) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
- उर्वशी(1961) के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
'सुन्दर है विहग, सुमन सुन्दर, मानव तुम सबसे सुन्दरतम' उक्त पंक्ति किस कवि की है-
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFउपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) सुमित्रानंदन पंत सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- उपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है।
- यह "मानव कविता" की पंक्तियां हैं।
- मानव कविता :- 1935
- सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 - 28 दिसम्बर 1977) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है।
- सुमित्रानंदन पंत "प्रकृति के सुकुमार कवि" कहे जाते हैं।
- पंत जी कोमल कल्पना के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।
- पंत जी ने अपने जीवन के 1945-1959 काल को 'नव मानवता का स्वप्न काल' कहा है।
- सुमित्रानंदन पंत की कुछ काव्य कृतियाँ हैं - ग्रन्थि, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा, सत्यकाम आदि।
- जयशंकर प्रसाद के काव्य-
- प्रेम-पथिक - (1909) , करुणालय (काव्य नाटक) - 1913 ई, महाराणा का महत्त्व - 1924 ई, चित्राधार - 1918 ई॰ ,कानन कुसुम - 1918 ई , झरना - 1918 ई , आँसू - 1925 ई , लहर - 1933 ई ,कामायनी - 1936 ई
- निराला के काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938), तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946), नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969), अपरा (संचयन)
- मैथिलीशरण गुप्त
- काविताओं का संग्रह - उच्छवास
- पत्रों का संग्रह - पत्रावली
- महाकाव्य- साकेत, यशोधरा
इनमें से कौन-सी रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFअनामिका रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है।
- अनामिका निराला की रचना है।
निराला के काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938)
- तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946)
- नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969)
- अपरा (संचयन)
Additional Informatio
जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ हैं-
- काव्य: झरना, आँसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक।
- नाटक: स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जन्मेजय का नाग यज्ञ, राज्यश्री, अजातशत्रु, विशाख, एक घूँट, कामना, करुणालय, कल्याणी परिणय, अग्निमित्र, प्रायश्चित, सज्जन।
- कहानी संग्रह: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आँधी, इंद्रजाल।
- उपन्यास : कंकाल, तितली और इरावती।
जयशंकर प्रसाद का जन्म किस वर्ष हुआ था ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFजयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 वर्ष में हुआ था।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- बाल्य नाम-झारखंडी
- छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- उर्वशी(1909 ई.)
- वन मिलन(1909 ई.)
- कानन कुसुम(1913 ई.)
- प्रेमपथिक(1913 ई.)
- चित्राधार(1918 ई.)
- झरना(1918 ई.)
- आँसू(1925 ई.) आदि।
'बादल-राग' के रचयिता है:
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFबादल राग कविता निराला जी की प्रसिद्ध कविताओं में से एक कविता है।
अत: सही विकल्प 3) निराला ही होगा।
'बादल राग' निराला जी की प्रसिद्ध कविता है। वे बादलों को क्रांतिदूत मानते हैं। बादल शोषित वर्ग के हितैषी हैं, जिन्हें देखकर पूँजीपति वर्ग भयभीत होता है।' बादल राग ' कविता 'परिमल' काव्य से ली गई है। निराला को वर्षा ऋतु अधिक आकृष्ट करती है, क्योंकि बादल के भीतर सृजन और ध्वंस की ताकत एक साथ समाहित है। बादल किसान के लिए उल्लास और निर्माण का अग्रदूत है तो मजदूर के संदर्भ में क्रांति और बदलाव।
'उर्वशी' महाकाव्य किस हिन्दी कवि की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFउर्वशी' महाकाव्य-4) रामधारी सिंह 'दिनकर' कवि की रचना है।
Important Points
- उर्वशी,(1961) राष्ट्रवाद और वीर रस प्रधान रचना है।
- इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
Additional Information
- कवि ने प्रेम की छवियों को मनोवैज्ञानिक धरातल पर पहचाना है।
- पुरुरवा धरती पुत्र है और उर्वशी देवलोक से उतरी हुई नारी है।
- उर्वशी में भाषा की सादगी अलंकृति और आभिजात्य की चमक पहन कर आयी है।
"चित्राधार" किस कवि की कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFचित्राधार कृति जयशंकर प्रसाद की कृति है।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं:-
- कानन-कुसुम
- करूणालय,
- महाराणा का महत्व
- प्रेम-पथिक
- झरना आँसू
- लहर
- कामायनी और प्रसाद-संगीत।
Important Pointsजयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय:-
जन्म | 30 जनवरी 1889 वाराणसी उत्तर प्रदेश, भारत |
मृत्यु | 15 नवम्बर 1937 (उम्र 48) वाराणसी, भारत |
व्यवसाय | कवि,नाटककार,कहानीकार,उपन्यासकार |
Additional Information
कुछ महत्वपूर्ण रचनाएं सोहनलाल द्विवेदी:-
सुमित्रानंदन पंत:-
रामकुमार वर्मा:-
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