Question
Download Solution PDFपेड़ : (कौए को जगाते हुए) श्श्श ! ए ऽ ए कौए, जाग न? जाग !
कौआ : दिन हो गया?”
किसी पाठ का यह अंश पढ़ने के दौरान मुख्य रूप से________के विकास में सहायक है।
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFहिंदी के खंडेतर स्वनिम मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है-
- बालाघात
- सुर,तान तथा अनुतान
- दीर्घता
- संगम
सुर के उतार-चढ़ाव या आरोह-अवरोह के फलस्वरूप जब शब्द का अर्थ बदल जाता है तब उसे तान कहा जाता है परन्तु जब सुर परिवर्तन वाक्य के स्तर पर कार्य करता है और वाक्य का अर्थ परिवर्तित कर देता है तब उसे अनुतान कहते है।
Important Pointsअनुतान-
हिंदी में अनुतान परिवर्तन से एक ही वाक्य विभिन्न अर्थो में ग्रहण किए जाते है,उतार चढ़ाव या आरोह अवरोह की दृष्टि से हिंदी में अनुतान के तीन स्तर मिलते है- उच्च,सामान्य तथा निम्न।उदहारण के लिए- " दिन हो गया" वाक्य तीन भिन्न प्रकार के अनुतानो से यदि उचरित किया जाये तो तीन भिन्न प्रकार के अर्थ देता है जैसे-
- दिन हो गया।
(सामान्य सूचनार्थक वाक्य के रूप में)
- दिन हो गया?
(प्रश्नसूचक वाक्य के रूप में)
- दिन हो गया!
(आश्चर्यसूचक वाक्य के रूप में)
अतः हम कह सकते है किसी पाठ का यह अंश पेड़ : (कौए को जगाते हुए) श्श्श ! ए ऽ ए कौए, जाग न? जाग !कौआ : दिन हो गया?”
पढ़ने के दौरान मुख्य रूप से अनुतान के विकास में सहायक है।
Additional Informationकहने का तात्पर्य यह है की हिंदी में अनुतान स्वनिमिक कोटि की खंडेतर ध्वनि है जो वाक्य के अर्थ को परिवर्तित कर देने की क्षमता रखती है।
Last updated on Apr 30, 2025
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