जब विधि का उल्लंघन करने वाला किशोर जो अभिरक्षा में है, को विचारण के दौरान 18 वर्ष की आयु पार करने पर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम की धारा 18 (3) के अंतर्गत वयस्क घोषित किया जाता है, उक्त स्थिति में विचारण न्यायालय के पास निम्न में से कौनसा विकल्प उपलब्ध है?

  1. बालक को परामर्श अथवा भर्त्सना के पश्चात घर जाने को अनुज्ञात करना।
  2. कार्यवाहियों को समाप्त करके बालक को अविलम्ब अभिरक्षा से निर्मुक्त करना।
  3. बालक को सदाचरण की परिवीक्षा पर छोड़ने का निर्देश देना।
  4. बालक को सुरक्षित स्थान पर भेजना।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : बालक को सुरक्षित स्थान पर भेजना।

Detailed Solution

Download Solution PDF

सही उत्तर विकल्प 4 है। Key Points

  • किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण ) अधिनियम, 2015 की धारा 19 बाल न्यायालय की शक्तियों से संबंधित है।
  • उपधारा (3) में कहा गया है कि बाल न्यायालय यह सुनिश्चित करेगा कि जो बालक विधि का उल्लंघन करता पाया जाए उसे इक्कीस वर्ष की आयु प्राप्त करने तक सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए तथा उसके बाद उस व्यक्ति को जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा :
    • बशर्ते कि बालक को सुरक्षा स्थान पर रहने की अवधि के दौरान शैक्षिक सेवाएं, कौशल विकास, वैकल्पिक चिकित्सा जैसे परामर्श, व्यवहार संशोधन चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता सहित सुधारात्मक सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
  • उपधारा (4) में कहा गया है कि बाल न्यायालय यह सुनिश्चित करेगा कि परिवीक्षा अधिकारी या जिला बाल संरक्षण इकाई या सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा, आवश्यकतानुसार, हर वर्ष एक आवधिक अनुवर्ती रिपोर्ट दी जाए, ताकि सुरक्षा के स्थान पर बच्चे की प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे के साथ किसी भी रूप में कोई दुर्व्यवहार न हो।
Get Free Access Now
Hot Links: teen patti joy mod apk teen patti star apk teen patti real cash game teen patti sweet teen patti vip