Question
Download Solution PDFनीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके (Reason R) कारण के रूप में;
अभिकथन A : प्रयोगवादी कवि ने जिस नये सत्य के शोध और प्रेषण के नये माध्यम की खोज की घोषणा की थी, वह सत्य इसी मध्यवर्गीय समाज के व्यक्ति का सत्य था।
कारण R : मध्यवर्गीय समाज के सत्य की अभिव्यक्ति प्रयोगवाद में पहली बार हुई है।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसबसे उपयुक्त उत्तर - A सही है, लेकिन R सही नहीं है
Key Points
अभिकथन A : प्रयोगवादी कवि ने जिस नये सत्य के शोध और प्रेषण के नये माध्यम की खोज की घोषणा की थी, वह सत्य इसी मध्यवर्गीय समाज के व्यक्ति का सत्य था।
- प्रयोगवाद में मध्यम वर्गीय समाज का ह्वासोन्मुखी जीवन ही प्रयोगवादी काव्य में चित्रित किया गया है।
- इस कारण यह अभिकथन सही है।
- कारण R : मध्यवर्गीय समाज के सत्य की अभिव्यक्ति प्रयोगवाद में पहली बार हुई है।
- यह कारण गलत है क्योंकि मध्यम वर्गीय समाज के सत्य की अभिव्यक्ति प्रयोगवाद से पहले प्रगतिवाद में हो चुकी है।
Important Points
प्रयोगवाद का प्रारंभ (1943 ई.) में अज्ञेय द्वारा संपादित तार - सप्तक के प्रकाशन से माना जाता है।
- प्रयोगवादी कवि प्रयोग करने में विश्वास करते हैं।
- अज्ञेय प्रयोग को साधन मानते हुए लिखा कि - "प्रयोग अपने आप में इष्ट नहीं है वरन वह साधन है!"
- प्रयोगवादी कवि ने बाबू कथा के स्थान पर बौद्धिकता को काव्य में स्थान दिया और जीवन की निराशा, कुंठा, अनास्था, जड़ता एवं संघर्ष को अभिव्यक्ति प्रदान की है।
- दमित कामवासना के चित्र भी इस काव्य में उपलब्ध होते हैं।
- लघु मानव को पूर्ण गरिमा के साथ प्रतिष्ठित करने का श्रेय भी प्रयोगवादी कवियों को दिया जाता है।
Additional Information
- कवियों की इस काव्य धारा को 'प्रयोगवाद' नाम सर्वप्रथम आचार्य नंद दुलारे वाजपेई ने अपने एक निबंध 'प्रयोगवादी रचनाओं' में प्रदान किया था।
- अज्ञेय इस काव्याधारा के प्रवर्तक माने जाते हैं उनके द्वारा संपादित 'प्रतीक' पत्रिका से इसकी शुरुआत मानी गई है।
Last updated on Jun 27, 2025
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