गद्यांश MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for गद्यांश - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Apr 21, 2025

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गद्यांश Question 1:

Comprehension:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों का उत्तर दें।

सच्चे वीर अपने प्रेम के जोर से लोगों को सदा के लिए बाँध देते हैं। वीरता की अभिव्यक्ति कई प्रकार से होती है, कभी लड़ने-मरने से, खून बहाने से, तोप तलवार के सामने बलिदान करने से होती है, तो कभी जीवन के गूढ़ तत्व और सत्य की तलाश में बुद्ध जैसे राजा विरक्‍त होकर वीर हो जाते हैं, और सारे संसार में शांति व समृद्धि फैलाते हैं। वीरता एक प्रकार की अंतः प्रेरणा है, जब कभी उसका विकास हुआ तभी एक रौनक, एक रंग, एक बहार संसार में छा गई। वीरता हमेशा निराली और नई होती है। वीरों को बनाने के कारखाने नहीं होते हैं। जिसमें सौदेबाजी की जा सके। लाभ-व-हानि देखा जा सके। वे तो देवदार के वृक्ष की भाँति जीवन रूपी वन में स्वंय पैदा होते हैं और बिना किसी के पानी दिए, बिना किसी के दूध पिलाये बढ़ते हैं। 'जीवन के केन्द्र में निवास करो और सत्य की चट्टान पर दृढ़ता से खड़े हो जाओ। बाहर की सतह छोड़कर जीवन के अंदर की तहों में पहुँचे तब नए रंग खिलेंगे।

यही वीरता का संदेश

वीरों के देवदार वृक्ष से तुलना की गई है, क्योंकि दोनोंः

  1. खाना-पीना मिलने पर ही बढ़ते हैं
  2. दोनों का दिल उदार होता है
  3. सत्य का हमेशा पालन करते है
  4. स्वयं पैदा होते हैं और बिना किसी के दूध पिलाए बढ़ते हैं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : स्वयं पैदा होते हैं और बिना किसी के दूध पिलाए बढ़ते हैं

गद्यांश Question 1 Detailed Solution

प्रस्तुत गद्यांश  में बताया गया है कि देवदार  स्वयं पैदा होते हैं और बिना किसी के दूध पिलाए बढ़ते हैं। अत: इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प संख्या 4 है। बाकी सभी विकल्प गलत हैं। 

Key Points

  •  वीर शब्द के पर्यायवाची : 
  • वीर = बहादुर, निडर, निर्भीक, निर्भय, अभय 

Important Points

  •  यहाँ खाना - पीना द्वंद्व समास का एक उदाहरण है। इसी प्रकार द्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण भी हैं : 
समास  समस विग्रह 
राम - सीता  राम और सीता 
भूल - चूक  भूल या चूक 
मार - पीट  मार और पीट 
ठंडा - गरम  ठंडा या  गरम 
गौरी - शंकर  गौरी और शंकर 

Additional Information

  •  द्वंद्व समास : जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर 'और' तथा 'या' आदि पद आते हैं उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

गद्यांश Question 2:

Comprehension:

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए:

आज शिक्षक की भूमिका उपदेशक या ज्ञानदाता की-सी नहीं रही। वह तो मात्र एक प्रेरक है कि शिक्षार्थी स्वयं सीख सकें। उनके किशोर मानस को ध्यान में रखकर शिक्षक को अपने शिक्षण कार्य के दौरान अध्ययन- अध्यापन की परंपरागत विधियों से दो कदम आगे जाना पड़ेगा, ताकि शिक्षार्थी समकालीन यथार्थ और दिन-प्रतिदिन बदलते जीवन की चुनौतियों के बीच मानव-मूल्यों के प्रति अडिग आस्था बनाए रखने की प्रेरणा ग्रहण कर सके। पाठगत बाधाओं को दूर करते हुए विद्यार्थियों की सहभागिता को सही दिशा प्रदान करने का कार्य शिक्षक ही कर सकता है।

भाषा शिक्षण की कोई एक विधि नहीं हो सकती। जैसे मध्यकालीन कविता में अलंकार, छंद विधान, तुक आदि के प्रति आग्रह था किन्तु आज लय और प्रवाह का महत्व है। कविता पढ़ाते समय कवि की युग चेतना के प्रति सजगता समझना आवश्यक है। निबंध में लेखक के दृष्टिकोण और भाषा-शैली का महत्त्व है और शिक्षार्थी को अर्थग्रहण की योग्यता का विकास जरूरी है। कहानी के भीतर बुनी अनेक कहानियों को पहचानने और उन सूत्रों को पल्लवित करने का अभ्यास शिक्षार्थी की कल्पना और अभिव्यक्ति कौशल को बढ़ाने के लिए उपयोगी हो सकता है। कभी-कभी कहानी का नाटक में विधा परिवर्तन कर उसका मंचन किया जा सकता है।

मूल्यांकन वस्तुत: सीखने की ही एक प्रणाली है, ऐसी प्रणाली जो रटंत प्रणाली से मुक्ति दिला सके। परंपरागत साँचे का अनुपालन न करे, अपना ढाँचा निर्मित कर सके। इसलिए यह गाँठ बाँध लेना आवश्यक है कि भाषा और साहित्य के प्रश्न बँधे-बँधाए उत्तरों तक सीमित नहीं हो सकते। शिक्षक पूर्वनिर्धारित उत्तर की अपेक्षा नहीं कर सकता। विद्यार्थियों के उत्तर साँचे से हटकर किंतु तर्क संगत हो सकते हैं और सही भी। इस खुलेपन की चुनौती को स्वीकारना आवश्यक है।

‘सहभागिता’ शब्द का निर्माण किस उपसर्ग और प्रत्यय से हुआ है?

  1. सह, ता
  2. स, इता
  3. सह, इता
  4. स, ता

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सह, इता

गद्यांश Question 2 Detailed Solution

‘सहभागिता’ शब्द का निर्माण ‘सह’ उपसर्ग तथा ‘इता’ प्रत्यय लगाकर किया गया है।
सहभागिता का अर्थ - साझेदारी 
Key Points सहभागिता शब्द में सह + भाग + इता ये तीनो मिलकर शब्द बना है। सहभागिता में मूल शब्द भाग है, इस शब्द के आगे सह उपसर्ग लगा हुआ है, और ता प्रत्यय लगा हुआ है।

उपसर्ग

प्रत्यय

उपसर्ग उस अक्षर या अक्षर समूह को कहते हैं जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन लाता है।

शब्द के उपरांत जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है वह प्रत्यय है।

जैसे - प्र, सु, अति, अधि, अनु, नि

प्र + हार = प्रहार

जैसे - ता, औना, अन, अत

श्रो + ता = श्रोता

विशेष (उपसर्ग प्रत्यय वाले अन्य शब्द)

बेईमानी

बे + ईमान + ई

स्वतंत्रता

स्व + तंत्र + ता

अज्ञानता

अ + ज्ञान + ता

अनुशासनहीन

अनु + शासन + हीन

गद्यांश Question 3:

Comprehension:

घोड़ों की टापों की आवाज सुनकर ममता भयभीत हो गई। पथिक ने कहा, ''वह स्‍त्री कहॉं गई है उसे खोेज निकालो।'' ममता छिपने के लिए अधिक सचेत हुई। वह मृगदाव मे चली गई। दिनभर उसमें से न निकली। संध्‍या में जब उन लोगों के जाने का उपक्रम हुआ, तो ममता ने सुना, पथिक घोड़े पर सवार होते हुए कह रहा था, ''मिरजा! उस स्‍त्री को मैं कुछ न दे सका, उसका घर बनवा देना, क्‍योंकि मैंने विपत्ति में यहॉं विश्रााम पाया था। यह स्‍थान भूलना मत।''

चौसा के मुगल-पठान युद्ध को बहुत दिन बीत गए। ममता अब सत्‍तर वर्ष की वृद्धा है। वह अपनी  झोपड़ी में एक दिन पड़ी थी। उसका जीर्ण कंकाल खॉंसी से गूंज रहा था। ममता ने जल पीना चाहा एक स्‍त्री ने सौंपी से जल पिलाया। सहसा एक अश्‍वारोही झोपड़ी के द्वार पर दिखाई पड़ा, मीरजा ने जो चित्र बनाकर दिया था इसी जगह का होना चाहिए। बुढि़या मर गई होगी अब किससे पूछूँ कि एक दिन शहंशाह हुमायूँ ने किस छप्‍पर केे नीचे विश्राम किया था।

उपरोक्‍त गदयांश को पढ़कर नीचे लिखें प्रश्‍नो के उत्‍तर दीजिए-

निम्‍नलिखित में से बुढि़या को क्‍या नहीं था?

  1. बुढ़ापा
  2. खॉंसी
  3. कमजोरी
  4. सामर्थ्‍य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सामर्थ्‍य

गद्यांश Question 3 Detailed Solution

उपरोक्त गद्यांश के अनुसार बुढि़या को सामर्थ्‍य नहीं था,अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 सामर्थ्‍य सही उत्तर होगा। 

Key Points

उपरोक्त गद्यांश के अनुसार बुढि़या का शरीर जीर्ण और कंकाल हो चुका था तथा उसका शरीर खॉंसी से गूंज रहा था।

 

गद्यांश Question 4:

Comprehension:

निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर चुनिए ः

धरातल से युद्ध की विभीषिकाओं को सदा-सदा के लिए समाप्त करने के लिए गाँधीजी ने विश्व को अहिंसा रूपी अस्त्र प्रदान किया। गाँधीजी कहा करते थे कि प्रेम और अहिंसा के द्वारा विश्व के कठोर से कठोर हृदय को भी कोमल बनाया जा सकता है। उन्होंने इन सिद्धान्तों का परीक्षण भी किया और वे “नितान्त' सफल सिद्ध हुए । हिंसा से हिंसा बढ़ती है, 'घृणा', घृणा को जन्म देती है और प्रेम से प्रेम की अभिवृद्धि होती है। अतः यह निश्चित है कि बिना प्रेम और अहिंसा के विश्व में शान्ति स्थापित नहीं हो सकती। शान्ति के अभाव में मानव जाति का विकास सम्भव नहीं। प्रत्येक राष्ट्र का स्वर्णिम-युग वही कहा जाता है, जबकि वहाँ पूर्ण शांति और सुख रहा हो तथा उत्तमोत्तम रचनात्मक कार्य किए जाते हों। भौतिक दृष्टि से व्यापार और कृषि की उन्नति भी शांतिकाल में ही सम्भव होती है, अतः हम यदि विश्व का कल्याण चाहते हैं तो हमें युद्ध का बहिष्कार करना ही होगा। अहिंसा और प्रेम की भावना से विश्व में शान्ति स्थापित करनी होगी, तभी विश्व में सुखमय एवं शांतिमय राज्य की स्थापना सम्भव होगी।  

'नितान्त' शब्द का उपयुक्त पर्याय है

  1. भलीभाँति
  2. बिलकुल
  3. विधिवत्
  4. निम्न

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बिलकुल

गद्यांश Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर बिलकुल है 

Key Points'नितान्त' शब्द का उपयुक्त पर्याय बिलकुल है 

अन्य विकल्प:

  • भलीभाँति का अर्थ= तरीके से 
  • विधिवत् का अर्थ= कानूनन 
  • निम्न का अर्थ=नीच, नीचे 

गद्यांश Question 5:

Comprehension:

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

माटी के बरतनों और माटी की मूर्तियों की एक सुदीर्घ परंपरा हमारे देश में रही है। आधुनिक ज़माने में भी माटी की यह महिमा हमारे देश में कम नहीं हुई है। आधुनिक उपकरणों ने शहरी जीवन में माटी की जगह भले ही कुछ छीनी हो, लेकिन यहाँ भी कम-से-कम पानी से भरा मटका अभी भी बचा हुआ है, जिसका पानी बहुतों को शीतलता देता है। माटी के गमले भी क्या शहर - क्या गाँव, सब जगह दिखाई पड़ते हैं। माटी की सज्जात्मक वस्तुएँ भी शहरों में काफ़ी बिकने लगी हैं। लेकिन माटी की चीज़ों के इस प्रचलन से यह नहीं मान लेना चाहिए कि हमारे कुंभकार की हालत बेहतर हो गई है। यह एक सच्चाई है कि अब कुंभकार के पेशे को स्वयं कुंभकारों की नई पीढ़ियाँ चाव से नहीं अपनाना चाहती। यह भी एक सच्चाई है कि और चीजों की कीमतें चाहे जितनी बढ़ी हों, लेकिन मिट्टी के बरतनों और मिट्टी से बनाई गई चीजों की कीमतें बढ़ी भी हैं तो बहुत ज्यादा नहीं। हम सबके मन में रहता है कि क्या हुआ, यह माटी का ही तो है। सच पूछिए तो बहुत ज्यादा राशि की उम्मीद वह कभी करता भी नहीं रहा। और कुंभकार ने माटी से बहुत गहरे लगाव व प्रेम का रिश्ता रखा है।

व्याकरणिक कोटि की दृष्टि से कौन-सा शब्द भिन्न है ? 

  1. बरतन
  2. मूर्ति
  3. गमला
  4. मटके

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मटके

गद्यांश Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है- मटके।Key Points

  • व्याकरणिक कोटि की दृष्टि से मटके शब्द भिन्न है।
  • मटके बहुवचन रूप है मटका का। 
  • अन्य विकल्प बरतन, मूर्ति, गमला में एकवचन रूप है।

Additional Information

  • वचन- 
  • संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के जिस रूप से हमें संख्या का पता चले उसे वचन कहते हैं।
  • हिन्दी व्याकरण में वचन दो प्रकार के होते हैं-
    • एकवचन, बहुवचन। 

गद्यांश Question 6:

Comprehension:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए 

भारत भयंकर अंग्रेज़ी - मोह की दुरवस्था से गुजर रहा है । इस दुरवस्था का एक भयानक दुष्परिणाम यह है कि भारतीय भाषाओं के समकालीन साहित्य पर उन लोगों की दृष्टि नहीं पड़ती जो विश्वविद्यालयों के प्रायः सर्वोत्तम छात्र थे और अब शासन तंत्र में ऊँचे ओहदों पर काम कर रहे हैं । इस दृष्टि से भारतीय भाषाओं के लेखक केवल यूरोपीय और अमेरिकी लेखकों से हीन नहीं हैं, बल्कि उनकी किस्मत मिस्र, बर्मा, इंडोनेशिया, चीन और जापान के लेखकों की किस्मत से भी खराब है क्योंकि इन सभी देशों के लेखकों की कृतियाँ वहाँ के अत्यंत सुशिक्षित लोग भी पढ़ते हैं। केवल हम ही हैं जिनकी पुस्तकों पर यहाँ के तथाकथित शिक्षित समुदाय की दृष्टि प्रायः नहीं पड़ती । हमारा तथाकथित उच्च शिक्षित समुदाय जो कुछ पढ़ना चाहता है, उसे अंग्रेज़ी में ही पढ़ लेता है, यहाँ तक कि उसकी कविता और उपन्यास पढ़ने की तृष्णा भी अंग्रेज़ी की कविता और उपन्यास पढ़कर ही समाप्त हो जाती है और उसे यह जानने की इच्छा ही नहीं होती कि शरीर से वह जिस समाज का सदस्य है उसके मनोभाव उपन्यास और काव्य में किस अदा से व्यक्त हो रहे हैं।

उपयुक्त शीर्षक दीजिए -

  1. भारतीय शिक्षितों का अंग्रेज़ी - मोह
  2. भारत की दुरवस्था
  3. भारतीय लेखकों की दुर्दशा 
  4. भारतीय शिक्षितों की दुरवस्था

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भारत की दुरवस्था

गद्यांश Question 6 Detailed Solution

इस प्रश्न का सही उत्तर भारत की दुरवस्था होगा।

अत: सही विकल्प 2 होगा।

Key Points

  •  प्रश्न के उत्तर का अंदाजा गद्यांश की प्रथन लाईन से लगाया जा सकता है।
  • भारत भयंकर अंग्रेज़ी - मोह की दुरवस्था से गुजर रहा है । 
  • अर्थात गद्यांश में भारत की दुरवस्था की बात की है।
  • विकल्प में भी भारत की दुरवस्था दिया हुआ है।

गद्यांश Question 7:

Comprehension:

निर्देशः गद्यांश  को पढ़कर पूछे गये प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

एक साधु थे। भिक्षाटन से मजे से दिन गुजारते और आनंदपूर्वक भजन करते थे। एक दिन महत्वाकांक्षा सिर पर चढ़ी, झोपड़ी के चूहो से निपटने के लिए एक बिल्ली पाली। बिल्ली के लिए दूध की जरूरत पड़ी - तो गाय खरीद कर लाए। गाय के  साज-सभाल के लिए महिला की आवश्यकता पड़ी। महिला से शादी कर ली। परिवार बना। संत बनकर लोक कल्याण करने का लक्ष्य कही से कही चला गया। भौतिक आकाक्षांओ का जाल-जंजाल इतना बढ़ गया कि परमार्थ का लक्ष्य पूरा करने के लिए कुछ भी नही बचता था। सारी क्षमता उसी में खत्म हो जाती थी। सपनो का जमघट ही शेष रह जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि हमें हमारे लक्ष्य की ओर ध्यान देना चाहिए।

महत्वाकांक्षा - रेखाकित शब्द का उचित अर्थ लिखिए।

  1. दयालु
  2. लायक न होना
  3. उन्नति को प्राप्त करने की इच्छा
  4. बलवान होना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उन्नति को प्राप्त करने की इच्छा

गद्यांश Question 7 Detailed Solution

दिए गए विकल्प में विकल्प 3 'उन्नति प्राप्त करने की इच्छा' सही है क्योंकि यह महत्वाकांक्षा अर्थ है अन्य विकल्प गलत हैं। 

Key Points

  • महत्वाकांक्षा एक संज्ञा है। 
  • अर्थ: ऐसी आकांक्षा जिसमें ऊँचा होने का भाव हो।
  • उदाहरण: वह अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है।
  • पर्यायवाची: उच्चाकांक्षा, ख़्वाब, ख्वाब, बुलंदपरवाज़ी, बुलंदपरवाजी, सपना। 

अन्य विकल्प:

  • दिए गये  विकल्पों में पहला विकल्प दयालु है जिसका अर्थ उस व्यक्ति से जिसके अंदर दया की भावना होती है यह महत्वाकांक्षा का अर्थ नहीं है इसीलिए यह सही नहीं है। 
  • दूसरा विकल्प लायक न होना भी महत्वकांक्षा का अर्थ नहीं है इसीलिए यह सही नहीं हो सकता है। 
  • चौथा विकल्प बलवान होना भी महत्वकांक्षा का अर्थ नहीं है इसीलिए यह सही नहीं है। 

गद्यांश Question 8:

Comprehension:

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर चुनिए:

मेरे लिए देशप्रेम और मानव-प्रेम में कोई भेद नहीं है; दोनों एक ही हैं। मैं देशप्रेमी हूँ, क्‍योंकि मैं मानव-प्रेमी हूँ। मेरा देशप्रेम वर्जनशील हैं। मैं भारत के हित की सेवा के लिए इंग्‍लैंड या जर्मनी का नुकसान नहीं करूँगा। जीवन की मेरी योजना में साम्राज्‍यवाद के लिए कोई स्‍थान नहीं है। देशप्रेम की जीवन-नीति किसी कुल या कबीले के अधिपति की जीवन-नीति से भिन्‍न नहीं है। और यदि कोई देशप्रेमी उतना ही उग्र मानव-प्रेमी नहीं है, तो कहना चाहिए कि उसके देशप्रेम में उतनी न्‍यूनता है। वैयक्तिक आचरण और राजनीतिक आचरण में कोई विरोध नहीं है; यदाचार का नियम दोनों को लागू होता है। जिस तरह देशप्रेम का धर्म हमें आज यह सिखाता है कि व्‍यक्ति को परिवार के लिए, परिवार को ग्राम के लिए, ग्राम को जनपद के लिए और जनपद को प्रदेश के लिए मरना सीखना चाहिए, उसी तरह किसी देश को स्‍वतंत्र इसलिए होना चाहिए कि वह आवश्‍यकता होने पर संसार के कल्‍याण के लिए अपना बलिदान दे सके। इसलिए राष्‍ट्रवाद की मेरी कल्‍पना यह है कि मेरा देश इसलिए स्‍वाधीन हो कि प्रयोजन उपस्थित होने पर सारी ही देश मानव-जाति की प्राणरक्षा के लिए स्‍वेच्‍छापूर्वक मृत्‍यु का आलिंगन करे। उसमें जातिद्वेष के लिए कोई स्‍थान नहीं है। मेरी कामना है कि हमारा राष्‍ट्रप्रेम ऐसा ही हो।

उग्र' शब्द का उपयुक्त पर्याय है

  1. उत्साहहीन 
  2. दुर्बल 
  3. मंजुल 
  4. भयानक 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भयानक 

गद्यांश Question 8 Detailed Solution

सही उत्तर विकल्प 4 भयानक है।

Key Points

  • 'उग्र' शब्द का उपयुक्त पर्याय भयानक है।
  • संदर्भित पंक्ति- देशप्रेम की जीवन-नीति किसी कुल या कबीले के अधिपति की जीवन-नीति से भिन्‍न नहीं है। और यदि कोई देशप्रेमी उतना ही उग्र मानव-प्रेमी नहीं है, तो कहना चाहिए कि उसके देशप्रेम में उतनी न्‍यूनता है।

अन्य विकल्प -

  • उत्साहहीन- हतोत्साहित
  • दुर्बल- कमजोर 
  • मंजुल- सुन्दर 

गद्यांश Question 9:

Comprehension:

निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्‍नलिखित प्रश्‍नों में सबसे उचित विकल्‍प चुनिए।

जहॉं तक मैं समझता हूँ, मेरी आत्मिक शक्तियों के विकास में बार्सीलोना और उसके निवासियों का सबसे सुंदर चित्रण भी सहायक नहीं हो सकता था। स्‍योम्‍का और फेद्का को पीटर्सबर्ग के जलमार्गों को जानने की क्‍या जरूरत है, अगर जैसी कि संभावना है, वे वहॉं कभी नहीं जा पाऍंगे? अगर स्‍योम्‍का का वहॉं कभी जाना होगा भी, तो उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि उसने यह स्‍कूल में पढ़ा था या नहीं, क्‍योकि तब इन जलमार्गों को वह व्‍यवहार में जान ही जाएगा और अच्‍छी तरह जान जाएगा। मैं नहीं समझ सकता कि उसकी आत्मिक शक्तियों के विकास में इस बात की जानकारी से कोई मदद मिल सकती है कि वोल्‍गा में सन से लदे जहाज नीचे की ओर जाते हैं और अलकतरे से लदे जहाज ऊपर की ओर: कि दुबोब्‍का नाम का एक बंदरगाह है; कि फलॉं भूमिगत परत फलॉं जगह तक जाती है: कि सामोयेद लोग बारहसिंगा गाडि़यों पर सफर करते हैं, वगैरह-वगैरह।

निम्‍नलिखित में से कौन-सा 'चित्रण' के लिए उपयुक्‍त विशेषण नहीं है ?

  1. मनोहारी
  2. सौंदर्य
  3. कलात्‍मक
  4. सुंदर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सौंदर्य

गद्यांश Question 9 Detailed Solution

'सौन्दर्य' यहाँ पर 'चित्रण' के लिए उचित विशेषण नहीं है।

स्पष्टीकरण:

जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाए’ उसे विशेषण कहते है। जैसे- 'अच्छा विद्यार्थी पिता की आज्ञा का पालन करता है' में 'अच्छा’ विशेषण है।

गद्यांश Question 10:

Comprehension:

निर्देशः गद्यांश  को पढ़कर पूछे गये प्रश्नो के उत्तर लिखिए-

एक साधु थे। भिक्षाटन से मजे से दिन गुजारते और आनंदपूर्वक भजन करते थे। एक दिन महत्वाकांक्षा सिर पर चढ़ी, झोपड़ी के चूहो से निपटने के लिए एक बिल्ली पाली। बिल्ली के लिए दूध की जरूरत पड़ी - तो गाय खरीद कर लाए। गाय के  साज-सभाल के लिए महिला की आवश्यकता पड़ी। महिला से शादी कर ली। परिवार बना। संत बनकर लोक कल्याण करने का लक्ष्य कही से कही चला गया। भौतिक आकाक्षांओ का जाल-जंजाल इतना बढ़ गया कि परमार्थ का लक्ष्य पूरा करने के लिए कुछ भी नही बचता था। सारी क्षमता उसी में खत्म हो जाती थी। सपनो का जमघट ही शेष रह जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि हमें हमारे लक्ष्य की ओर ध्यान देना चाहिए।

झोपड़ी के चूहो से निपटने के लिए साधु ने क्या किया?

  1. बिल्ली पाली
  2. दवा डालकर चूहो को मार दिया।
  3. कुत्ते को पाला
  4. कुछ भी नही किया

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बिल्ली पाली

गद्यांश Question 10 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से विकल्प 1 'बिल्ली पाली' सही है। अन्य विकल्प सही नहीं हैं। 

Key Points

स्पष्टीकरण

प्रस्तुत गद्यांश को पढ़ने से यह बात साफ हो जाती है कि झोपड़ी के चूहों से निपटने के लिए साधु ने बिल्ली पाल ली। 

एक साधु थे। भिक्षाटन से मजे से दिन गुजारते और आनंदपूर्वक भजन करते थे। एक दिन महत्वाकांक्षा सिर पर चढ़ी, झोपड़ी के चूहो से निपटने के लिए एक बिल्ली पाली। बिल्ली के लिए दूध की जरूरत पड़ी - तो गाय खरीद कर लाए। 

Important Points

इसका उत्तर हमे गद्यांश के आधार पर देना है और इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर लिखने के लिए हमें इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा और गद्यांश को पढ़ने से पता चलता है कि साधु ने बिल्ली पाल लिया क्योंकि वह चूहों से निपटना चाहता था। 

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