शब्द शक्ति MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for शब्द शक्ति - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Apr 1, 2025
Latest शब्द शक्ति MCQ Objective Questions
Top शब्द शक्ति MCQ Objective Questions
शब्द शक्ति Question 1:
प्रयोजनवती लक्षणा के भेद हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 1 Detailed Solution
प्रयोजनवती लक्षणा का भेद गौणी - शुद्धा हैं।
- लक्षणा शब्द-शक्ति का एक प्रकार है। लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
Key Points प्रयोजनवती लक्षणा
- वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे। प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है।
जैसे-
- 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।
प्रयोजनवती लक्षणा के दो मुख्य भेद हैं-
- गौणी
- शुद्धा
Additional Information
गौणी लक्षणा
- गौणी में सादृश्य सम्बन्ध से अर्थात समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ का ग्रहण किया जाए।
शुद्धा लक्षणा
- शुद्धा लक्षणा में सादृश्य सम्बन्ध के अतिरिक्त अन्य सम्बन्ध से लक्ष्यार्थ का बोध होता है।
शुद्धा लक्षणा के चार भेद हैं-
- उपादान लक्षणा,
- लक्षणलक्षणा
- सारोपा लक्षणा
- साध्यावसाना लक्षणा
उपादान लक्षणा
- जहाँ वाक्यार्थ की संगति के लिए अन्य अर्थ के लक्षित किए जाने पर भी अपना अर्थ न छूटे वहाँ उपादानलक्षणा होती है।
- उपादान का अर्थ है ग्रहण-लेना। इसमें वाच्यार्थ का सर्वथा त्याग नहीं होता है।
- जैसे, 'पगड़ी की लाज रखिये। लक्ष्यार्थ होता है पगड़ीधारी की लाज।
- यहाँ पगड़ी अपना अर्थ न छोड़ते हुए पगड़ीधारी का आक्षेप करता है।
- यहाँ दोनों साथ-साथ हैं। अत: उपादान लक्षणा है।
शब्द शक्ति Question 2:
इनमें से कौन सा कथन सही नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 2 Detailed Solution
सही कथन नहीं है-अभिधा शक्ति द्वारा केवल रूढ़ शब्दों का अर्थबोध होता है।
अभिधा शब्द शक्ति-
- इसे ‘प्रथमा’ एवं ‘अग्रिमा’ शक्ति भी कहते हैं।
- यह शब्दों के शब्दकोशीय अर्थ का बोध कराती है।
- इसमें किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है।
- जैसे-
- 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा।
- मुख्यार्थ की बोधिका होने के अतिरिक्त यह शक्ति पद और पदार्थ के पारस्परिक संबंध का भी ज्ञान कराती है।
- जैसे-
- गाय दूध देती है।
- मोहन पढ़ता है।
- जब किसी पद में ‘यमक’ अलंकार की प्राप्ति होती है तो वहाँ प्राय: अभिधा शब्द शक्ति होती है।
Key Pointsशब्द-शक्ति-
- शब्द का अर्थ बोध करानेवाली शक्ति ‘शब्द शक्ति’ कहलाती है।
- इसे ‘वृत्ति’ या ‘व्यापार’ भी कहा जाता है।
- आचार्य मम्मट ने व्यापार शब्द का और आचार्य विश्वनाथ ने शक्ति शब्द का प्रयोग किया हैं।
- शब्द और अर्थ के अनुरूप ही शब्द की तीन शक्तियाँ-
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना
Important Pointsलक्षणा शब्द शक्ति-
- अभिधा के असमर्थ हो जाने पर जिस शक्ति के माध्यम से शब्द का अर्थ बोध हो, उसे ‘लक्षणा’ कहते हैं।
- उदाहरण-
- ‘चुल्लू भर पानी में डूब मरना (मुहावरा)’ से हमें शब्दों का मुख्यार्थ अभीष्ट नहीं है।
- हम इनसे दूसरा अर्थ लेते हैं कि ‘बड़ी लज्जा की बात है।’
लक्षणा शब्द शक्ति के भेद-
- रूढ़ा लक्षणा-
- जहाँ रूढ़ि के कारण मुख्यार्थ से भिन्न लक्ष्यार्थ का बोध हो, वहाँ ‘रूढ़ा लक्षणा’ होती है।
- उदाहरण-
- ”आप तो एकदम राजा हरिश्चन्द्र है” का लक्ष्यार्थ है आप हरिश्चन्द्र के समान सत्यवादी हैं।
- सत्यवादी व्यक्ति को राजा हरिश्चन्द्र कहना रूढ़ि है।
- प्रयोजनवती लक्षणा-
- जहाँ प्रयोजन के कारण मुख्यार्थ से भिन्न लक्ष्यार्थ का बोध हो, वहाँ ‘प्रयोजनवती लक्षणा’ होती है।
- उदाहरण-
- ‘लड़का शेर है।’ तो इसका लक्ष्यार्थ है ‘लड़का निडर है।’
- यहाँ पर शेर का सामान्य अर्थ अभीष्ट नहीं है।
व्यंजना शब्द शक्ति-
- जब किसी शब्द के अभिप्रेत अर्थ का बोध न तो मुख्यार्थ से होता है और न ही लक्ष्यार्थ से,वहाँ व्यंजना शब्द शक्ति होती है।
- कथन के संदर्भ के अनुसार अलग-अलग अर्थ से या व्यंग्यार्थ से प्रकट होता हो वहाँ वह शब्द व्यंजक कहलाता है।
- उसके द्वारा प्रकट होने वाला अर्थ व्यंग्यार्थ या ध्वन्यार्थ कहलाता है।
- उदाहरण-
- किसी कार्यालय में अगर कर्मचारी आपस में बात करते हुए कहे ‘5:00 बज गए हैं’ तो उससे संभावित अर्थ यह निकलता है कि अब कार्यालय बंद होने का समय आ गया है, हमें अब अपना काम समेटना चाहिए।
- यह अर्थ व्यंजना से संबंधित है।
व्यंजना शब्द शक्ति के प्रकार-
- शाब्दी व्यंजना-
- जहाँ व्यंजना शब्द पर निर्भर करती है,वहाँ शब्दी व्यंजना होती है।
- उदाहरण-
- चिरजीवौ जोरी जुरै क्यों न सनेह गंभीर
को घटि ये वृषभानुजा वे हलदर के बीर।
- चिरजीवौ जोरी जुरै क्यों न सनेह गंभीर
- शब्दी व्यंजना के 2 भेद है-
- अभिधामूला
- लक्षणामूला
- आर्थी व्यंजना-
- जहाँ व्यंजना अर्थ पर निर्भर होती है,वहाँ आर्थी व्यंजना होती है।
- उदाहरण-
- अबला जीवन हाय!तुम्हारी यही कहानी।
आँचल में हैं दूध और आँखों में पानी॥
- अबला जीवन हाय!तुम्हारी यही कहानी।
Additional Informationशब्द और अर्थ के अनुरूप ही शब्द की तीन शक्तियाँ-
शब्द | अर्थ | शक्ति |
वाचक/अभिधेय | वाच्यार्थ/अभिधेयार्थ/मुख्यार्थ | अभिधा |
लक्षक/लाक्षणिक | लक्ष्यार्थ | लक्षणा |
व्यंजक | व्यंग्यार्थ/व्यंजनार्थ | व्यंजना |
शब्द शक्ति Question 3:
'वह तोड़ती पत्थर। देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर।" में कौन सी शब्द शक्ति है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 3 Detailed Solution
'वह तोड़ती पत्थर। देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर।" में : अभिधा काव्य शक्ति है।Shortcut Trick
- जैसा दिखा वैसा लिखा अर्थात अभिधा
Key Points
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना।
Important Points
अभिधा शब्द शक्ति:-
उदाहरण- राम पुस्तक पढ़ रहा है। व्यंजना शब्द शक्ति:-
उदाहरण- घर गंगा में है। (यहां व्यंजना है कि घर गंगा की भांति पवित्र एवं स्वच्छ है।) लक्षणा शब्द शक्ति:-
उदाहरण- सतीश गधा है। (इस वाक्य में गधा शब्द को मूर्ख शब्द के लिए प्रयुक्त किया गया है।) |
शब्द शक्ति Question 4:
मेरे घर का चौकीदार हमेशा चौकन्ना रहता है- वाक्य में कौन सी शब्द शक्ति है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 4 Detailed Solution
SOlution: इसका सही उत्तर विकल्प 1 'लक्षणा' है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
- मेरे घर का चौकीदार हमेशा चौकन्ना रहता है- वाक्य में लक्षणा शब्द शक्ति है।
- लक्षणा शब्द-शक्ति से व्यक्त अर्थ मुख्यार्थ से हटकर हुआ करता है।
- उपरोक्त उदाहरण में चौकन्ना का मुख्यार्थ ‘चार कानों वाला’ न होकर ‘सतर्क’ लिया जायेगा।
अन्य विकल्प:
व्यंजना |
व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है। |
सुबह के 08:00 बज गये एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग। |
अभिधा |
वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है। |
हिन्दी एक भाषा है। चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है। |
शब्द शक्ति |
शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। इसके तीन भेद माने गए हैं. |
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अभिधा |
वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है। |
हिन्दी एक भाषा है। चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है। |
लक्षणा |
यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है। |
रामू शेर है। रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है। |
व्यंजना |
व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है। |
सुबह के 08:00 बज गये एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग। |
शब्द शक्ति Question 5:
जब कोई शब्द अपने मुख्यार्थ को बाधित करके अन्य अर्थ को बताए तब उसमें कौन-सी शब्द शक्ति होती है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 5 Detailed Solution
- जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है।
- जैसे -मोहन गधा है।
- यहां गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख।
व्यंजना शब्द शक्ति
- व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है।
- इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।
- जैसे- सुबह के 08:00 बज गये।
- यहाँ वाक्य साधारण है लेकिन इसका प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न अर्थ है।
- उदाहरण से समझें तो किसी कार्यालय में अगर कर्मचारी आपस में बात करते हुए कहे 08:00 बज गए हैं’ तो उससे संभावित अर्थ यह निकलता है कि अब कार्यालय बंद होने का समय आ गया है, हमें अब अपना काम समेटना चाहिए।
- यह अर्थ व्यंजना से संबंधित है।
अभिधा शब्द
- जिस शब्द शक्ति से प्रचलित अर्थ का बोध हो, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं–
- जैसे- दिवस का अवसान समीप था।
- (यहाँ - दिवस का अर्थ दिन है)
आर्थी व्यंजना शब्द शक्ति
- जो शब्दशक्ति वक्ता (कहने वाला), बोद्धव्य (जिससे बात की जाए), वाक्य, अन्य-संनिधि, वाच्य (वक्तव्य), प्रस्ताव (प्रकरण), देश काल, चेष्टा आदि की विशेषता के कारण व्यंग्यार्थ की प्रतीति कराती है वह आर्थी व्यंजना कही जाती है।
- इस व्यंजना से सूचित व्यंग्य अर्थजनित होने से अर्थ होता है।
शब्द शक्ति Question 6:
शब्द की जिस शक्ति से उसके संकेतित अर्थ का बोध हो, वहाँ कौन-सी शब्द शक्ति होती है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 6 Detailed Solution
शब्द की जिस शक्ति से उसके संकेतित अर्थ का बोध हो,वहाँ-1)अभिधा शब्द शक्ति होती है।
Important Points
- हिन्दी व्याकरण में किसी वाक्य के भाव को समझने के लिए प्रयुक्त अर्थ को शब्द शक्ति कहा जाता है।
- शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्द शक्ति कहलाती है।
- शब्दशक्ति तीन प्रकार की होती है-
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना
Additional Information
- वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।
- इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।
- उदाहरण-मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।
शब्द शक्ति Question 7:
मुख्यार्थ पर बाधा होने पर रूढ़ि या प्रयोजन के कारण जिस शब्द शक्ति से मुख्यार्थ से सम्बंधित जो अन्य अर्थ लक्षित होता है, उसे कौन से शब्द शक्ति कहते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 7 Detailed Solution
मुख्यार्थ पर बाधा होने पर रूढ़ी या प्रयोजन के कारण जिस शब्द शक्ति से मुख्यार्थ से सम्बंधित जो अन्य अर्थ लक्षित होता है, उसे लक्षणा शब्द शक्ति कहते हैं।
Key Pointsशब्द शक्ति-
-
शब्द या शब्द समूह में जो अर्थ छिपा होता है उसे शब्द शक्ति कहते हैं।
लक्षणा शब्द शक्ति-
- लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
- शब्द को जिस शक्ति से उसका वह साधारण से भिन्न और दूसरा वास्तविक अर्थ प्रकट होता है, उसे लक्षणा कहते हैं।
- उदाहरण-
- जैसे हम कहें कि ‘लड़का शेर है।’ तो इसका लक्ष्यार्थ है ‘लड़का निडर है।
- लड़के को निडर बताने के प्रयोजन से उसके लिए शेर शब्द का प्रयोग किया गया है।
Additional Informationव्यंजना शब्द शक्ति-
- शब्द की जिस शक्ति या व्यापार से प्रचलित अर्थ एवं लक्ष्यार्थ से भिन्न किसी तीसरे अर्थ का बोध हो, उसे 'व्यंजना शक्ति कहते हैं।
- व्यंजना शक्ति से बोधित होने वाला अर्थ व्यंग्यार्थ है तथा व्यंग्यार्थ द्योतक शब्द व्यंजक शब्द कहलाता है।
- उदाहरण-
- जैसे 'सूर्य डूब गया'- इस वाक्य का प्रचलित या मुख्य अर्थ है, सूरज का लाल गोला क्षितिज में शमा गया, किन्तु इसका अर्थ प्रसंगानुसार भिन्न-भिन्न व्यक्ति अलग-अलग रूप में ग्रहण कर लेते हैं।
अभिधा शब्द शक्ति-
- अभिधा शब्द शक्ति का पहला प्रकार है जो शब्दों के शब्दकोशीय अर्थ का बोध कराती है।
- इसमें किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है। जैसे 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा।
- साक्षात् सांकेतित अर्थ (मुख्यार्थ या वाच्यार्थ) को प्रकट करने वाली शब्दशक्ति अभिधा शब्दशक्ति कहलाती है।
- उदाहरण-
- मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।
शब्द शक्ति Question 8:
निम्नलिखित उक्तियों में व्यंजना शक्ति से सम्बंधित कौन सा कथन सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 8 Detailed Solution
व्यंजना शब्द शक्ति केवल शब्दों पर ही आधारित रहती है, यह कथन व्यंजना शक्ति से सम्बंधित कथन नहीं है।
- व्यंजना शब्द शक्ति से निष्पन्न अर्थ को व्यंग्यार्थ कहते हैं।
- व्यंजना शब्द शक्ति केवल शब्दों पर ही आधारित रहती है।
- व्यंग्यार्थ को ध्वन्यार्थ भी कहते हैं।
Key Points
- व्यंजना, शब्दशक्ति का एक प्रकार है।
- व्यंजना के दो भेद हैं-
- शाब्दी व्यंजना
- आर्थी व्यंजना
- शाब्दी व्यंजना
- शाब्दी व्यंजना के दो भेद होते हैं- एक अभिधामूला और दूसरी लक्षणामूला।
Additional Informationअभिधामूला:-
- संयोग आदि के द्वारा अनेकार्थ शब्द के प्रकृष्णतोपयोगी एकार्थ के नियंत्रित हो जाने पर जिस शक्ति द्वारा अन्यार्थ का ज्ञान होता है वह शाब्दी व्यंजना है।
लक्षणामूला:-
- जिस प्रयोजन के लिए लक्षणा का आश्रय लिया जाता है वह प्रयोजन जिस शक्ति द्वारा प्रतीत होता है उसे लक्षणामूला शाब्दी व्यंजना कहते हैं।
शब्द शक्ति Question 9:
लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा से सम्बन्धित कौन सा कथन सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 9 Detailed Solution
अन्य अर्थ का मुख्य अर्थ से कोई सम्बन्ध नहीं होना सही विकल्प होगा
- लक्षणा शब्द मुख्य अर्थ बाधित होने पर अन्य अर्थ ग्रहण करता है।
- मुख्यार्थ बाधित होने पर अन्य अर्थग्रहण करना
- लक्षणा शब्द रूढ़ि या प्रयोजन के आधार पर अन्य अर्थ ग्रहण करना करता है।
Key Points
- लक्षणा शब्द-शक्ति का एक प्रकार है।
- लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
- साहित्य में लक्षणा शक्ति दो प्रकार की मानी गई है - रूढ़ि और प्रयोजनवती।
Additional Informationप्रयोजनवती लक्षणा के प्रकार :-
- गौणी लक्षणा
- शुद्धा लक्षणा
- उपादान लक्षणा
- लक्षणलक्षणा
शब्द शक्ति Question 10:
किस शब्द शक्ति की प्रतीति सबसे पहले हुआ करती है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 10 Detailed Solution
अभिधा शब्द शक्ति की प्रतीति सबसे पहले हुआ करती है।
- क्योंकि अभिधा में बात सीधी कही जाती है इसमें मुख्यार्थ बाधित नही होता है।
- अर्थात जैसे दिखा, वैसा लिखा अभिधा कहलाती है।
- परिभाषा - शब्द की वह शक्ति जिससे वाच्यार्थ और लक्ष्यार्थ के सिवा कुछ विशेष अर्थ निकलते हैं
- वाक्य में प्रयोग - व्यंजना के कारण सवेरा हो गया से अलग-अलग लोग अलग-अलग अर्थ निकालते हैं ।
- समानार्थी शब्द - व्यञ्जना
- लिंग - स्त्रीलिंग
अभिधा
- परिभाषा - शब्द की तीन शक्तियों में से एक
- वाक्य में प्रयोग - अभिधा वह शक्ति है जिसके द्वारा शब्दों से सीधा-साधा अर्थ निकलता है ।
- लिंग - स्त्रीलिंग
लक्षणा
- परिभाषा - शब्द की वह शक्ति जिससे उसका अर्थ लक्षित हो
- वाक्य में प्रयोग - लक्षणा दो प्रकार की होती है, निरूढ़ और प्रयोजनवती ।
- लिंग - स्त्रीलिंग