द्वंद्व MCQ Quiz - Objective Question with Answer for द्वंद्व - Download Free PDF

Last updated on Jun 17, 2025

Latest द्वंद्व MCQ Objective Questions

द्वंद्व Question 1:

लौटा-डोरी कौन-सा समास है?

  1. कर्मधारय समास
  2. द्वन्द्व समास
  3. द्विगु समास
  4. बहुव्रीहि समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : द्वन्द्व समास

द्वंद्व Question 1 Detailed Solution

लौटा-डोरी समा है- द्वन्द्व समास

Key Points

  • 'लोटा-डोरी' का समास 'द्वंद्व समास' है। "लौटा-डोरी" का समास विग्रह - "लौटा" और "डोरी" होगा
  • जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों
  • एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वन्द्व समास कहलाता है।
    • उदाहरण - पाप-पुण्य = पाप या पुण्य, तिल-चावल = तिल और चावल

Important Pointsसमास के भेद-

  1. तत्पुरुष समास
  2. कर्मधारय समास 
  3. द्विगु समास 
  4. द्वन्द्व समास 
  5. बहुव्रीहि समास 
  6. अव्ययीभाव समास​
Additional Information 
समास परिभाषा उदाहरण
कर्मधारय जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, उसे कर्मधारय समास कहलाता है। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘रुपी’ , 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कालीमिर्च = काली है जो मिर्च

कमलनयन = कमल के समान नयन

वचनामृत = अमृत रूपी वचन

द्विगु वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

पसेरी = पाँच सैरों का समूह 

दोराह = दो राहों का समाहार

बहुव्रीहि जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।

वज्रपाणि – वह जिसके पाणि (हाथ) में वज है इंद्र

घनश्याम – वह जो श्याम (वर्ण के) घन (बादल) के समान है-कृष्ण

द्वंद्व Question 2:

'दूधरोटी' पद में समास है:

  1. अव्ययीभाव
  2. द्विगु
  3. कर्मधारय
  4. द्वंद्व
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : द्वंद्व

द्वंद्व Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर द्वंद्व है।

Key Points

  • 'दूधरोटी' पद में द्वन्द्व समास है।
  • दूध-रोटी का समास विग्रह है- दूध और रोटी
  • 'और' संयोजक आने पर 'दूध-रोटी' में द्वन्द्व समास है।
  • द्वन्द्व समास - समास का वह रूप जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं, उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।
    • जैसे: आजकल (आज और कल), अच्छा-बुरा (अच्छा या बुरा)
    • द्वन्द्व समास तीन प्रकार के होते हैं- 1.इतरेतर द्वन्द्व, 2. विकल्प द्वन्द और 3.समाहार द्वन्द्व
      • इतरेतर द्वन्द्व- माता-पिता = माता और पिता, दादी-दादा = दादी और दादा
      • विकल्प द्वन्द- सुख-दुःख = सुख या दुःख, जीवन-मरण = जीवन या मरण
      • समाहार द्वन्द्व- पच्चीस = पाँच और बीस का समाहार, अड़तीस = आठ और तीस का समाहार

Additional Information

समास- समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। ;समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छः प्रकार हैं-

समास

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय 

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु 

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव 

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह ;समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न

द्वंद्व Question 3:

जिस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं तथा जिसमें समुच्चयबोधक अव्यय का लोप कर दिया जाता है, उसे क्या कहा जाता है?

  1. बहुव्रीहि समास
  2. द्वंद्व समास
  3. कर्मधारय समास
  4. द्विगु समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 3 Detailed Solution

जिस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं तथा जिसमें समुच्चयबोधक अव्यय का लोप कर दिया जाता है, उसे द्वंद्व समास कहा जाता है

Key Points

  • जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों
  • एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। 
    • उदाहरण- राजा-प्रजा = राजा एवं प्रजा भाई-बहन = भाई और बहन

Important Pointsसमास के कुल भेद-

  1. तत्पुरुष समास
  2. कर्मधारय समास 
  3. द्विगु समास 
  4. द्वन्द्व समास 
  5. बहुव्रीहि समास 
  6. अव्ययीभाव समास​

Additional Information 
  

समास परिभाषा उदाहरण
बहुव्रीहि जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।

दशानन = दस हैं आनन जिसके (रावण)

मुरलीधर = मुरली धारण करने वाला (कृष्ण जी)

कर्मधारय जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, उसे कर्मधारय समास कहलाता है। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘रुपी’ , 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

पुरुषरत्न = रत्न है जो पुरुष

विरहसागर = विरह रुपी सागर

पुत्ररत्न = रत्न के सामान पुत्र

द्विगु वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

नवरात्र = नौ रात्रियों का समूह

पंचतंत्र = पाँच तंत्रों का समाहार

द्वंद्व Question 4:

'खानपान' में कौन-सा समास है?

  1. द्विगु समास
  2. बहुव्रीहि समास
  3. अव्ययीभाव समास 
  4. द्वंद्व समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 4 Detailed Solution

'खानपान' में समास है- द्वंद्व समास

Key Points

  • "खानपान" का समास विग्रह "खान और पान" होता है,
  • जहाँ "और" शब्द छिपा हुआ है, इसलिए, "खानपान" द्वंद्व समास का उदाहरण है
  • जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’,
  • ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वन्द्व समास कहलाता है।
    • उदाहरण- दीन-हीन = दीन और हीन, राम-कृष्ण = राम या कृष्ण

Important Pointsसमास के कुल भेद-

  1. तत्पुरुष समास
  2. कर्मधारय समास 
  3. द्विगु समास 
  4. द्वन्द्व समास 
  5. बहुव्रीहि समास 
  6. अव्ययीभाव समास​

Additional Information

समास

परिभाषा

उदाहरण

द्विगु वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

ठन्नी = आठ आनों का समूह

चातुर्वर्ण = चार वर्णों का समाहार

बहुव्रीहि वह समास जिसके समस्त पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है। 

निशाचर = निशा अर्थात रात में विचरण करने वाला (राक्षस)

मुरलीधर = मुरली धारण करने वाला  (भगवान कृष्ण)

अव्ययीभाव

जिस समास में प्रथम पद अव्यय होता है और जिसका अर्थ प्रधान होता है उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।

निस्संदेह = बिना संदेह के
बेशक = बिना शक के

द्वंद्व Question 5:

'घासफूस' में कौन-सा समास है? 

  1. अव्ययीभाव समास 
  2. द्वंद्व समास 
  3. द्विगु समास 
  4. बहुब्रीहि समास 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : द्वंद्व समास 

द्वंद्व Question 5 Detailed Solution

'घासफूस' में समास है- द्वंद्व समास 

Key Points

  • "घासफूस" में द्वंद्व समास है। इसका समास विग्रह: घास और फूस। 
  • जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’,
  • ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • सुख-दुख = सुख या दुःख
    • गौरीशंकर = गौरी और शंकर

Important Pointsसमास के छः भेद - 

  1. अव्ययी भाव समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. द्विगु समास
  4. द्वन्द्व समास
  5. कर्मधारय समास
  6. बहुव्रीहि समास

Additional Information

समास

परिभाषा

उदाहरण

अव्ययीभाव जिस समास में प्रथम पद अव्यय होता है और जिसका अर्थ प्रधान होता है उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है। निस्संदेह = बिना संदेह के
बेशक = बिना शक के
द्विगु  वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

चारपाई = चार पैरों का समूह

नवरत्न = नव रत्नों का समाहार

बहुव्रीहि वह समास जिसके समस्त पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है। 

निशाचर = निशा अर्थात रात में विचरण करने वाला (राक्षस)

मुरलीधर = मुरली धारण करने वाला  (भगवान कृष्ण)

Top द्वंद्व MCQ Objective Questions

सेठ – साहूकार का सामासिक विग्रह निम्न में से कौन सा है?

  1. सेठ का साहूकार
  2. सेठ में साहूकार
  3. सेठ और साहूकार
  4. सेठ जैसा साहूकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सेठ और साहूकार

द्वंद्व Question 6 Detailed Solution

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सेठ-साहूकारका सामासिक विग्रह करने पर सेठ और साहूकार होगा।सेठ और साहूकारदोनों का नाम साथ में लिया जाता है इसीलिए विच्छेद करने पर इनके बीच मेंऔरका प्रयोग किया गया है।इस आधार पर यह द्वंद्व समास का उदाहरण है। अतः सही विकल्प द्वंद्व समास है।

स्पष्टीकरण

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उन के बीचतथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवंयाऔरका प्रयोग होता हो, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

जैसेअन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।

'थोड़ा-बहुत' में इनमें से कौन-सा समास है?

  1. अव्ययीभाव
  2. वैकल्पिक द्वंद्व
  3. समाहार द्वंद्व
  4. इतरेतर द्वंद्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वैकल्पिक द्वंद्व

द्वंद्व Question 7 Detailed Solution

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सही विकल्प वैकल्पिक द्वंद्व है। 

स्पष्टीकरण 

  • थोड़ा-बहुत = थोड़ा या बहुत 
  • इस शब्द में वैकल्पिक द्वंद्व समास होगा क्योंकि जब समस्त पद में दो विरोधी शब्दों का प्रयोग होता है और दोनों पदों के बीच या, अथवा में से किसी एक का लोप पाया जाए तो उसे वैकल्पिक द्वन्द्व समास कहते हैं।
  • उदाहरण -
    • पाप-पुण्य = पाप या पुण्य 
    • छोटा-बड़ा = छोटा या बड़ा 

Key Pointsअन्य विकल्प - 

समास  समास-विग्रह
अव्ययीभाव लापरवाह = परवाह के बिना
समाहार द्वंद्व फल-फूल = फल फूल आदि
इतरेतर द्वंद्व तन-मन = तन और मन

Additional Information

  • दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है।

समास के छ: भेद हैं -

समास  समास-विग्रह उदाहरण 
द्वन्द्व समास सुख-दुःख = सुख और दुःख
द्विगु समास सप्तदीप = सात दीपों का समूह
तत्पुरुष समास

गिरहकट = गिरह को काटने वाला

राजा का कुमार = राजकुमार

कर्मधारय समास चन्द्रमुखी = चन्द्र के समान मुख वाली
अव्ययीभाव समास यथास्थान = स्थान के अनुसार
बहुव्रीहि समास गिरिधर = गिरि को धारण करने वाले अर्थात् श्रीकृष्ण

द्वन्द्व समास किस शब्द में नहीं है?

  1. हरिहर
  2. शीतोष्ण
  3. गौरीशंकर
  4. मंत्रि-परिषद्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मंत्रि-परिषद्

द्वंद्व Question 8 Detailed Solution

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सही उत्तर 'मंत्रि-परिषद्है।

  • दिए गए विकल्पों में से 'मंत्रि-परिषद्' द्वन्द्व समास का उदाहरण नहीं है।
  • मंत्रिपरिषद में तत्पुरुष समास है।
  • समास विग्रह - मंत्रियों की परिषद
  • मंत्रिपरिषद उत्तरपद प्रधान है तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप रहा है।
  • जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर 'और', 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:​

ब्द  समास विग्रह समास 
हरिहर हरि और हर द्वन्द्व 
शीतोष्ण  शीत और उष्ण द्वन्द्व 
गौरीशंकर  गौरी और शंकर द्वन्द्व 

Additional Information

समास-समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं-

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

'शिव-पार्वती' शब्द में निम्न में से कौन-सा समास है?

  1. बहुब्रीहि समास
  2. कर्मधारय समास
  3. द्वंद्व समास
  4. द्विगु समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 9 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर विकल्प 3 ‘द्वंद्व समास है। इसके अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं। 

Key Points

  • दिए गए शब्द ‘शिव-पार्वती' में द्वंद्व समास होगा। 
  • 'शिव-पार्वती' का समास विग्रह 'शिव और पार्वती' होगा। 
  • जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है, द्वंद्व समास कहलाता है। 


अन्य विकल्प: 

  1. बहुब्रीहि समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
  2. कर्मधारय समास - पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।
  3. द्विगु समास - जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।


Additional Information

  • दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।  

  • समास के छ: भेद हैं - 

  1. तत्पुरुष समास 

  2. अव्ययीभाव समास 

  3. द्विगु समास 

  4. द्वंद्व समास 

  5. कर्मधारय समास 

  6. बहुब्रीहि समास 

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्प दिए गए है जिनमें से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद का सबसे उचित सामासिक युग्मपद है।

आचार

  1. खाने की वस्तु
  2. विचार 
  3. चाल - चलन 
  4. अनादर 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विचार 

द्वंद्व Question 10 Detailed Solution

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आचार पद का सबसे उचित सामासिक युग्मपद विचार है। यह द्वंद्व समास का उदाहरण है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 विचार होगा ।

Key Points

  • आचार-विचार
  • समास विग्रह- आचार या विचार/ आचार और विचार
  • यह द्वंद्व समास का उदाहरण है 

समास

परिभाषा

उदाहरण

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो।

जैसे – अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।

 

Additional Information

समास

परिभाषा

उदाहरण

कर्मधारय 

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो।

कमल के समान नयन = कमलनयन, चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि।

बहुब्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

जैसे – जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।
 

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

जैसे – धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

अव्ययीभाव 

जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो।

जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति।
 

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

जैसे – दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

 

द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर :

अंतर

उदाहरण

द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है।

जैसे – दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)।

 

'देवासुर' में कौन-सा समास है?

  1. बहुव्रीहि
  2. कर्मधारय
  3. तत्‍पुरूष
  4. द्वंद्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : द्वंद्व

द्वंद्व Question 11 Detailed Solution

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देवासुर में द्वंद्व समास है।

  • देवासुर = देव और असुर  
  • इतरेतर द्वन्द्व समास में सभी पद प्रधान होते है और दो पदों के बीच में और शब्द का लोप पाया जाता है उसे इतरेतर द्वन्द्व समास कहते हैं।
  • अन्य उदाहरण -
    • सुरा-सर = सुर और असुर
    • तिर-सठ = तीन और साठ

Additional Information

  • दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को  समास कहते है।

समास के छ: भेद हैं-

समास 

समास-विग्रह उदाहरण 

द्वंद्व समास

शस्त्रास्त्र = शस्त्र और अस्त्र

द्विगु समास

अठन्नी = आठ आनों का समूह

तत्पुरुष समास

चर्मरोग = चर्म का रोग

जन्मान्ध = जन्म से अन्धा

कर्मधारय समास

चरणकमल = कमल के समान चरण

अव्ययीभाव समास

यथायोग्य = योग्यता के अनुसार

बहुव्रीहि समास

दीर्घबाहु- दीर्घ हैं बाहु जिसके अर्थात् विष्णु

‘देवासुर’ शब्द में निम्न में से कौन-सा समास है?

  1. द्वंद्व समास
  2. द्विगु समास
  3. कर्मधारय समास
  4. बहुव्रीहि समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 12 Detailed Solution

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देवासुर का सामासिक विग्रह करने परदेव और असुरहोगा। इस आधार पर यहाँ द्वंद्व समास है। 
Key Points 

स्पष्टीकरण

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच तथा, ‘या, ‘अथवा, ‘एवं या और का प्रयोग होता हो।

जैसे अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।


Additional Information

अन्य विकल्प

समास

परिभाषा

उदाहरण

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

जैसे दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो।
पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

जैसे कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

जैसे जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

'अन्नजल' पद में समास है:

  1. अव्ययीभाव
  2. द्विगु 
  3. कर्मधारय 
  4. द्वंद्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : द्वंद्व

द्वंद्व Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर द्वंद्व है 

Key Points

  • अन्न-जल शब्द में द्वंद्व समास है।
  • अन्न-जल का सामासिक विग्रह है- अन्न और जल
  • 'और' योजक आने पर 'अन्नजल में द्वंद्व समास है।
  • द्वंद्व समास- समास का वह रूप जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं, उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।
  • जैसे- आजकल (आज और कल), अच्छा-बुरा (अच्छा या बुरा, अच्छा और बुरा), आगा-पीछा, नीचे-ऊपर, दूध-रोटी इत्यादि।
  • पदों के अर्थ की प्रधानता के आधार पर द्वन्द्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।

Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास 

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। 

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव 

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

 

'धर्माधर्म' शब्द में कौन-सा समास है:

  1. अव्ययीभाव
  2. बहुब्रीहि
  3. द्वंद्व 
  4. कर्मधारय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : द्वंद्व 

द्वंद्व Question 14 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से 'धर्माधर्म' में द्वंद्व समास है। इसका समास विग्रह 'धर्म और अधर्म' होगा तथा इसमें 'और' का लोप होगा।

Key Points

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र,

समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे।

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

'चमक-दमक' में कौन-सा समास है?

  1. तत्पुरुष
  2. द्विगु
  3. अव्ययी भाव
  4. द्वंद्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : द्वंद्व

द्वंद्व Question 15 Detailed Solution

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'चमक-दमक' में समास है- 'द्वंद्व'

  • चमक-दमक = चमक और दमक
  • चमक का अर्थ- प्रकाश, ज्योति, रोशनी, दमक, प्रभा
    • जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हों एवं दोनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, या ‘एवं ‘ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • गौरीशंकर = गौरी और शंकर

Key Pointsद्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण:-

  • कपड़े-लत्ते = कपड़े और लत्ते
  • मार-पीट = मार और पीट
  • दान-धर्म = दान और धर्म
  • राजा-प्रजा = राजा एवं प्रजा
  • रात-दिन = रात और दिन
  • भला-बुरा = भला और बुरा
  • खरा-खोटा = खरा या खोटा

Additional Information

तत्पुरुष:-

  • जिसमें समास में प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण-

  • भुखमरा = भूख से मरा
  • ग्रंथकार = ग्रन्थ को लिखने वाला।

द्विगु:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

उदाहरण-

  • शताब्दी = सौ सालों का समूह
  • चतुर्मुख = चार मुखों का समाहार

अव्ययी भाव:-

  • इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
  • अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।

उदाहरण-

  • यथारुचि = रूचि के अनुसार
  • प्रतिवर्ष = प्रत्येक वर्ष
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