भाषादक्षतायाः कृते अधोलिखतेषु कस्य महत्वं सर्वाधिकम् ?

This question was previously asked in
CTET Feb 2016 Paper 2 Social Studies (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit)
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  1. शुद्धतायाः धाराप्रवाहस्य च विकासः
  2. न्यूनमूल्यशिक्षणसहायकसामग्रीणां प्रयोगः
  3. शुद्धोच्चारणेन सह वाचनम्
  4. सुन्‍दरहस्‍ताक्षरैः अभ्‍यासकार्यलेखनम्

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Option 3 : शुद्धोच्चारणेन सह वाचनम्
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प्रश्न अनुवाद  - भाषा दक्षता के लिए निम्नालिखित विकल्पों में से किसका महत्व अधिक है?

स्पष्टीकरण - भाषा दक्षता के लिए  शुद्ध उच्चारण सह वाचन अधिक महत्वपूर्ण है

Important Points

भाषा दक्षता -

किसी भी भाषा को बोलने, समझने, लिखने, पढ़ने में प्रवीणता प्राप्त करना अथवा किसी भी भाषा को बोलने, समझने, लिखने, पढ़ने की शक्ति का विकास करना ही भाषायी दक्षता कहलाता है

संस्कृत भाषा का ध्वनितत्व वैज्ञानिक है, नागरी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के लिए निश्चित अक्षर हैं और उनका सटीक उच्चारण है। उच्चारण पर बल न देने पर उच्चारण दोष उत्पन्न होता है और भाषा का रूप विकृत होता है, उसका निश्चित रूप नहीं बन पाता है। भाषा के दो रूप हैं-

  1. मौखिक भाषा
  2. लिखित भाषा

शुद्ध उच्चारण के अभाव में मौखिक भाषा अस्वाभाविक एवं प्रभावहीन हो जाती है। प्राय: हम जैसा उच्चारण करते हैं या बोलते हैं वैसा ही लिखते हैं। अत: लिखित भाषा में भी वे दोष आ जाते हैं। शब्दों की वर्तनी की अशुद्धता के कारण हमारा उच्चारण अशुद्ध हो जाता है। इस प्रकार शुद्ध उच्चारण का बड़ा महत्व है। यदि हम विचारों एवं भावों की अभिव्यक्ति के समय ध्वनि का उच्चारण उसके निश्चित स्थान से नहीं करेंगे तो हमारी अभिव्यक्ति दोषपूर्ण और मौखिक भाषा निरर्थक एवं प्रभावहीन हो जायेगी।

अत: भाषा दक्षता के लिए  शुद्ध उच्चारण सह वाचन अधिक महत्वपूर्ण है

Hint

  • यहाँ प्रथम विकल्प (शुद्धतायाः धाराप्रवाहस्य च विकासः - शुद्धता और धाराप्रवाह का विकास) उचित नहीं है, क्योंकि भाषा में दक्षता हेतु सर्वप्रथम किसी भी भाषा के शुद्ध उच्चारण के साथ बोलना महत्वपूर्ण है। जब व्यक्ति शुद्ध उच्चारण करेगा, तभी वह शुद्ध एवं धाराप्रवाह बोल सकता है। बिना शुद्ध उच्चारण के धाराप्रवाह बोलने से अशुद्ध उच्चारण होगा। अतः शुद्धता और धाराप्रवाह का विकास द्वितीय चरण है, पहला चरण शुद्ध उच्चारण के साथ बोलना है।

Additional Information

 अन्य विकल्पों का विश्लेषण :

  • शुद्धतायाः धाराप्रवाहस्य च विकासः - शुद्धता तथा धाराप्रवाह का विकास।
  • न्युनमूल्यशिक्षणसहायकसामग्रीणां प्रयोगः - न्यूनतम शिक्षण सहायक सामग्री का प्रयोग।
  • सुन्‍दरहस्‍ताक्षरै: अभ्‍यासकार्यलेखनम् - सुन्‍दर हस्‍ताक्षर के साथ अभ्‍यासकार्य लेखन।
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