निम्न में से कौनसा एक व्यक्ति जो दृश्यमान रूप से विधि का उल्लंघन करने वाला बालक है, की जमानत से इंकार करने का एक आधार नहीं हो सकता है?

  1. जब ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध आक्षेपित अपराध जघन्य प्रकृति का हो और बालक को धारा 18 (3) किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत वयस्क के रूप में विचारित करने का आदेश दिया जा चुका हो।
  2. जब यह विश्वास करने के युक्तियुक्त आधार हों कि यदि बालक को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह ज्ञात अपराधी के संसर्ग में आ सकता है।
  3. उक्त व्यक्ति नैतिक, शारीरिक या मनोवैज्ञानिक रूप से खतरे में पड़ जायेगा।
  4. उक्त व्यक्ति को जमानत पर रिहा करने से न्याय का उद्देश्य विफल हो जायेगा।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : जब ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध आक्षेपित अपराध जघन्य प्रकृति का हो और बालक को धारा 18 (3) किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत वयस्क के रूप में विचारित करने का आदेश दिया जा चुका हो।

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 1 है। Key Points 

  • किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 12 ऐसे व्यक्ति को जमानत देने से संबंधित है जो स्पष्टतः कानून का उल्लंघन करने वाला बालक है।
  • (1) जब कोई व्यक्ति, जो स्पष्टतः बालक है और जिसके बारे में यह अभिकथन है कि उसने कोई जमानतीय या अजमानतीय अपराध किया है, पुलिस द्वारा पकड़ा या निरुद्ध किया जाता है या बोर्ड के समक्ष उपस्थित होता है या लाया जाता है, तो ऐसे व्यक्ति को, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, जमानत पर या उसके बिना रिहा किया जाएगा या किसी परिवीक्षा अधिकारी के पर्यवेक्षण में या किसी योग्य व्यक्ति की देखरेख में रखा जाएगा:
    • परन्तु ऐसे व्यक्ति को इस प्रकार रिहा नहीं किया जाएगा यदि यह मानने के लिए उचित आधार प्रतीत होते हैं कि रिहाई से उस व्यक्ति का किसी ज्ञात अपराधी के साथ संबंध होने की संभावना है या उक्त व्यक्ति के नैतिक, शारीरिक या मनोवैज्ञानिक खतरे में पड़ने की संभावना है या व्यक्ति की रिहाई से न्याय का उद्देश्य विफल हो जाएगा , और बोर्ड जमानत से इंकार करने के कारणों और ऐसे निर्णय के लिए प्रेरित करने वाली परिस्थितियों को अभिलिखित करेगा।
  • (2) जब ऐसा व्यक्ति पकड़ा गया हो और उसे पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा उपधारा (1) के अधीन जमानत पर नहीं छोड़ा जाता है, तब ऐसा अधिकारी उस व्यक्ति को केवल संप्रेक्षण गृह या सुरक्षित स्थान में, यथास्थिति, ऐसी रीति से, जैसी विहित की जाए, तब तक रखवाएगा जब तक कि उस व्यक्ति को बोर्ड के समक्ष नहीं लाया जा सकता।
  • (3) जब बोर्ड ऐसे व्यक्ति को उपधारा (1) के अधीन जमानत पर रिहा नहीं करता है, तो वह उसे, यथास्थिति, किसी संप्रेक्षण गृह या सुरक्षित स्थान पर, उस व्यक्ति के संबंध में जांच के लंबित रहने के दौरान ऐसी अवधि के लिए भेजने का आदेश देगा, जो आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए।
  • (4) जब विधि से संघर्षरत कोई बालक जमानत आदेश के सात दिन के भीतर जमानत आदेश की शर्तों को पूरा करने में असमर्थ हो, तो ऐसे बालक को जमानत की शर्तों में संशोधन के लिए बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

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