Question
Download Solution PDF'कोई दीपक जब स्वयं नहीं जल रहा है, किसी अन्य दीपक को कैसे जला सकता है?' यह कथन शिक्षा (सीखना) शीर्षक पुस्तक से है। निम्नलिखित में से इस पुस्तक के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर रवींद्रनाथ टैगोर है।
'कोई दीपक जब स्वयं नहीं जल रहा है, किसी अन्य दीपक को कैसे जला सकता है?' यह कथन शिक्षा (सीखना) शीर्षक पुस्तक से है। इस पुस्तक के लेखक रवीन्द्रनाथ टैगोर थे।
Key Points
पूरा उद्धरण है:
"एक शिक्षक कभी भी सचमुच सिखा नहीं सकता है जब तक वह खुद सीख नहीं लेता है। एक दीपक दूसरे दीपक को तब तक नहीं जला सकता जब तक कि वह अपनी लौ को जलाता न रहे।"
- टैगोर का तर्क है कि शिक्षकों को एक उच्च स्थिति के माध्यम से मजबूत किया जाएगा, जो भारत में "गुरु" शीर्षक के माध्यम से आ सकता है।
- उनका यह भी तर्क है कि शिक्षकों की शिक्षा में सुधार की आवश्यकता है और इसमें बच्चों के मनोविज्ञान की गहन समझ शामिल होनी चाहिए।
- यदि शिक्षकों को उनकी शिक्षण विधियों के संबंध में और कुछ हद तक वे जो पढ़ाते हैं उसकी सामग्री के संबंध में अधिक स्वतंत्रता दी जाए तो उनका शिक्षण भी अधिक मूल्यवान होगा।
पुस्तक में, टैगोर का तर्क है कि शिक्षा को केवल ज्ञान और कौशल प्राप्त करने पर केंद्रित नहीं होना चाहिए, बल्कि भावनाओं, रचनात्मकता और आध्यात्मिकता सहित संपूर्ण व्यक्ति का पोषण करना चाहिए। वह प्रकृति के प्रति प्रेम और प्रशंसा विकसित करने और सभी जीवित चीजों की परस्पर संबद्धता के महत्व पर बल देता है।
- उद्धरण "कोई दीपक जब स्वयं नहीं जल रहा है, किसी अन्य दीपक को कैसे जला सकता है?" अक्सर दूसरों की मदद करने का प्रयास करने से पहले आंतरिक विकास और आत्म-प्राप्ति के महत्व पर टैगोर के बल के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया जाता है। पुस्तक के संदर्भ में, इस कथन को शिक्षकों को अपने छात्रों को ज्ञान या कौशल प्रदान करने का प्रयास करने से पहले उनके आंतरिक गुणों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के आह्वान के रूप में देखा जा सकता है।
सम्पूर्णत:, "शिक्षा" एक विचारोत्तेजक और दार्शनिक पुस्तक है जो शिक्षा और मानव स्थिति पर टैगोर की गहरी अंतर्दृष्टि को दर्शाती है। यह एक कालातीत कार्य है जो आज भी पाठकों को प्रेरित और चुनौती देता है।
Last updated on Jul 4, 2025
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