लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 25 के अनुसार, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के अंतर्गत बालक का कथन मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया जाना चाहिए:

  1. अभियुक्त के अधिवक्ता की उपस्थिति में दर्ज किया जाएगा
  2. अभियुक्त के अधिवक्ता की उपस्थिति में अभिलेखित नहीं किया जाएगा।
  3. जांच अधिकारी की उपस्थिति में दर्ज किया जाएगा
  4. महिला पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में अभिलेख किया जाएगा।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अभियुक्त के अधिवक्ता की उपस्थिति में अभिलेखित नहीं किया जाएगा।

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 2 है। Key Points 

  • लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 25 मजिस्ट्रेट द्वारा बालक के कथन दर्ज करने से संबंधित है।
  • यदि बालक का कथन दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) (जिसे इसमें धारा 164 कहा गया है) के अधीन अभिलिखित किया जा रहा है , तो ऐसा कथन अभिलिखित करने वाला मजिस्ट्रेट, उसमें किसी बात के होते हुए भी, बालक द्वारा बोले गए कथन को अभिलिखित करेगा:
    • परन्तु संहिता की धारा 164 की उपधारा (1) के प्रथम परन्तुक में अन्तर्विष्ट उपबन्ध, जहां तक वह अभियुक्त के अधिवक्ता की उपस्थिति की अनुमति देता है, इस मामले में लागू नहीं होंगे।
  • पुलिस द्वारा धारा 173 के अधीन अंतिम प्रतिवेदन प्रविष्ट किए जाने पर मजिस्ट्रेट बालक और उसके माता-पिता या उसके प्रतिनिधि को धारा 207 के अधीन निर्दिष्ट दस्तावेज की एक प्रति उपलब्ध कराएगा।

 

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